अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और फली नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि आजम खान ने जो स्पष्टीकरण दिया है वह बिना शर्त नहीं है
नई दिल्ली। मानवता को झकझोर देने वाले बुलंदशहर गैंगरेप मामले पर दिए गए आजम खान के बयान पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एकबार फिर झटका दिया है। कोर्ट ने आजम खान की माफी को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि यह बिना शर्त नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
दोबारा हलफनामा दायर करे, बिना शर्त माफी मांगेंः सुप्रीम कोर्ट
इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और फली नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि आजम खान ने जो स्पष्टीकरण दिया है वह बिना शर्त नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान से कहा कि वह इस मामले में दोबारा हलफनामा दायर करें और बिना शर्त माफी मांगें। इस पर आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आजम खान अपने ताजा हलफनामे में ‘क्षमा’ की जगह ‘पछतावा’ लिखेंगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि आजम खान पहले हलफनामा दायर करें उसके बाद उस पर विचार किया जाएगा।
पीड़ित ने ठुकराया आजम का प्रस्ताव
इसके अलावा आजम ने सुप्रीम कोर्ट के सामने यह प्रस्ताव भी रखा था कि वह बुलंदशहर गैंगरेप पीड़ित की ग्रेजुएशन तक मुफ्त पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगे। लेकिन पीड़ित ने इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया।
आजम खान ने बुलंदशहर गैंगरेप को बताया था राजनीतिक साजिश
17 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान से गैंगरेप केस पर माफीनामा दाखिल करने का आदेश दिया था, जिसपर आजम माफी मांगने को तैयार हो गए थे। गौरतलब है कि आजम ने बुलंदशहर गैंगरेप को राजनीतिक साजिश बताया था।
अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने को कहा था
रिपोर्ट में मंत्री द्वारा पद और गोपनीयता की शपथ के बारे में भी बताया गया। 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था, साथ ही पब्लिक सर्वेंट द्वारा बयान के मामले में देश-विदेश की तमाम अदालतों में दिए गए फैसले का हवाला दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि गैंगरेप की पीड़ित के मुद्दे पर बयान देने से पहले बयान देने वालों को जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए।