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मेघालय हादसे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कोशिश जारी रखिए, जरूर कोई चमत्कार होगा

locationनई दिल्लीPublished: Jan 11, 2019 04:24:08 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखा जाए, क्योंकि चमत्कार भी हो सकता है।

Meghalaya Mining Tragedy

Meghalaya Mining Tragedy

नई दिल्ली। मेघालय के जयंतिया हिल्स इलाके में एक कोयला खदान में पिछले एक महीने से फंसे 15 मजदूरों को निकालने की जद्दोजहद अभी भी जारी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजदूरों का निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहना चाहिए और इसके लिए एक्सपर्ट की मदद ली जाए।

मजदूर अभी भी जिंदा हो सकते हैं- सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस ए. के. सीकरी की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि मजदूरों को निकालने का काम चलता रहना चाहिए क्योंकि चमत्कार भी होते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से कहा, ‘रेस्क्यू की अपनी कोशिशें जारी रखें। क्या पता कम से कम कुछ खनिक अब भी जिंदा हों? चमत्कार भी तो होते हैं।’

राज्य और केंद्र सरकार को भी लगी फटकार

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन को लेकर भी राज्य सरकार को फटकार लगाई। आपको बता दें कि जिस कोयला खदान में मजदूर फंसे हैं, वो भी अवैध रूप से ही चल रही थी। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अवैध खदानों को चलाने वाले लोगों और इसकी इजाजत देने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई है?

 

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5 ऑटोमेटिक वाहनों को लगाया गया है रेस्क्यू में

वहीं राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया है कि सरकार की तरफ से मजदूरों को निकालने के लिए हर संभव मदद की जा रही है। हाल ही में सरकार ने खनिकों को निकालने के लिए 5 ऐसे वाहनों को लगाया है जो कि रिमोट से चलते हैं। इन वाहनों को इंडियन नेवी ऑपरेट कर रही है।
370 फीट गहरी खदान में फंसे हैं 15 मजदूर

आपको बता दें कि 13 दिसंबर 2018 से मेघालय के जयंतिया हिल्स इलाके में 370 फीट गहरे कोयला खदान में 15 मजदूर फंसे हुए हैं। खदान में नदी का पानी भर जाने से सुरंग का रास्‍ता बंद हो गया था। तभी से 15 मजदूर सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं। सुरंग से पानी निकालने के लिए 2 पंप भी लगाए गए हैं। इसके अलावा ओडिशा की फायर सर्विस टीम, एनडीआरएफ, नेवी और इसके अलावा राज्य फायर सर्विस की टीमों को लगाया गया है। साथ ही जिस खदान में मजदूर फंसे हैं उसे एनजीटी ने 2014 में ही खतरनाक मानते हुए बैन कर दिया था।
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