scriptमास्क ना पहनने पर कोविड सेंटर में सेवा के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक | Supreme Court stays Gujarat HC order of working in Corona Care Center for not wearing mask | Patrika News

मास्क ना पहनने पर कोविड सेंटर में सेवा के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

locationनई दिल्लीPublished: Dec 03, 2020 06:46:56 pm

गुजरात सरकार द्वारा दी गई हाईकोर्ट ( gujarat high court ) के आदेश को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी फैसले पर रोक।
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनाया था आदेश और सरकार से अधिसूचना जारी करने को भी कहा।
मास्क ना पहनने वाले व्यक्ति पर जुर्माने के अलावा 15 दिनों तक कोरोना केयर सेंटर में सेवा का आदेश।

How to check IRCTC PNR status on WhatsApp: Indian Railways

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गुजरात उच्च न्यायालय ( gujarat high court ) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें मास्क नहीं पहनने वालों के लिए कोरोना वायरस केंद्रों पर सामुदायिक सेवा करने को अनिवार्य कर दिया गया था। अदालत ने राज्य सरकार को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग पर केंद्र के कोरोना वायरस दिशानिर्देशों का “सख्ती से पालन” सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
मास्क ना पहनने वाले लोगों के खिलाफ सख्त आदेश, करना होगा कोरोना केयर सेंटर में काम

गुजरात सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के बुधवार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने की। राज्य सरकार ने कहा कि निर्देश कठोर है और दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वालों के लिए इसके “गंभीर नतीजे” हो सकते हैं।
जजों ने इस बात पर सहमति जताई कि इस आदेश से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और इसे असंगत कहा जा सकता है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि राज्य में कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
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पीठ ने गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी दिशानिर्देशों का कठोरता से पालन किया जाए।

गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने बुधवार को कहा था कि किसी व्यक्ति को बिना मास्क पहने पाए जाने पर पांच से 15 दिनों की अवधि के लिए दिन में चार से छह घंटे सामुदायिक सेवा करनी होगी।
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अदालत ने कहा था कि किसी व्यक्ति को सौंपे गए कार्य “गैर-चिकित्सा” प्रकृति के होने चाहिए। इन कामों में सफाई, हाउसकीपिंग, खाना पकाने और भोजन परोसने में मदद, रिकॉर्ड तैयार करने, डाटा फीडिंग आदि जैसी गतिविधियां शामिल हो सकती हैं।
बता दें कि गुजरात कोरोना वायरस से भारत में सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में से एक है। प्रदेश में अब तक 2 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 4,004 मौतें दर्ज की गई हैं। पिछले महीने मामलों में वृद्धि के बीच गुजरात को अहमदाबाद में रात का कर्फ्यू फिर से लागू करना पड़ा। इसके बाद राजकोट, सूरत और वडोदरा में भी इसी तरह के उपाय लागू किए गए थे।
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