आप मौलिक अधिकार बाधित नहीं कर सकतेः CJI
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि फिल्म से लोगों के भड़कने का खतरा था। इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोगों की भावनाओं के आधार पर आप मौलिक अधिकार बाधित नहीं कर सकते हैं। कानून-व्यवस्था संभालना सरकार का काम है। अगर किसी ज़िले की विशेष स्थिति के चलते रोक लगती तो अलग बात थी। लेकिन आपने तो पूरे राज्य में रोक लगाई है।’
तमिलनाडु सरकार ने कहा था- हमने बैन नहीं की
सुनवाई के दौरान सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से फिल्म पर 8 मई को लगाई गई रोक को हटा रहे हैं। इस रोक का कोई पुख्ता आधार नज़र नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि हम तमिलनाडु सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड पर ले रहे हैं कि उसने कोई रोक नहीं लगाई है।
सिनेमा हॉल को पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने का भी आदेश
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि थिएटर मालिकों पर फिल्म न दिखाने के लिए कोई दबाव भी नहीं बनाया गया है। हम निर्देश दे रहे हैं कि फ़िल्म दिखाने वाले सिनेमा हॉल को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। सरकार या उससे जुड़े लोग सिनेमाघर मालिकों पर किसी तरह का दबाव न बनाएं।
सीजेआई ने यह भी कहा कि फिल्म के निर्माता इस बात का डिस्क्लेमर लगाएं कि 32 हज़ार लड़कियों के गायब होने का आंकड़ा पुख्ता नहीं है। इस मामले में अब 18 जुलाई को सुनवाई होगी।
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