दीप मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने खारिज कर दी थी याचिका
बता दें कि 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने विशेष सीबीआई जज बीएच लोया की कथित रहस्यमय हालात में मौत के बहुचर्चित केस में बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया । कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि चारों जजों के बयानों पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। चारों जज लगातार जज लोया के साथ थे। कोर्ट ने कहा कि जजों के बयानों पर शक करना न्यायपालिका की निष्ठा पर संदेह करने जैसा है। याचिका को खारिज करते हुए देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि लोया केस में SIT जांच नहीं होगी। इसके साथ कोर्ट ने जनहित याचिकाओं के हो रहे गलत इस्तेमाल पर भी टिप्पणी की। बता दें कि पिछले नवंबर को यह मामला उस समय सामने आया था जब एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि जज लोया की बहन ने भाई की मौत को लेकर सवाल उठाए हैं। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई सीनियर पुलिस अधिकारी भी आरोपी थे।