तिहाड़ के अधिकारियों ने निर्भया के दोषियों से पूछा, आखिरी इच्छा क्या है?बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने सर्वोच्च अदालत में रामसेतु का मुद्दा उठाया था। उन्होंने साल 2018 में रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में मेंशन की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि कोर्ट ने इस पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया था। दस साल हो गए लेकिन सरकार ने अभी तक याचिका का जवाब दाखिल नहीं किया।
मोदी सरकार रामसेतु मामले पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना ( Setu samudram project ) और राम सेतु के बारे में कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलाशेगी।
गजेंद्र सिंह शेखावत की पाकिस्तान को दो टूक, नहीं जाएगा भारत के हिस्से का एक बूंद पानी स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि राम सेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है। इसे न तोड़ा जाए और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर ( National Heritage ) घोषित किया जाए।