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क्या कहा अरुण जेटली ने
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस से कहा कि उसे विश्व को ऐसा संकेत नहीं देना चाहिए कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत बंटा हुआ है। वहीं, उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा के अनुभव पर बोलते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं की वह इस मामले में कांग्रेस को मूल्यवान सुझाव देंगे। ‘वित्त मंत्री ने अपने ब्लाग में लिखा कि सेवानिवृत सैन्य अधिकारी की नियुक्ति सर्जिकल स्ट्राइक को देर से प्रदान की गई मान्यता एवं स्वीकृति है जिससे हुड्डा जुड़े थे। जेटली ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि सलाहकार पैनल कांग्रेस को इस बारे में बताएगा कि सर्जिकल स्ट्राइक नियमित कदम नहीं था जो अतीत में उठाए गए बल्कि भारत के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम था।
कब हुआ था सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक 29 सितंबर 2016 को सेना की ओर से किया गया था जिसमें नियंत्रण रेखा के पार कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
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कौन हैं DS हुड्डा..
लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल स्ट्राईक के वक्त अहम भूमिका निभाई थी। उस समय वह आर्मी कमांडर थे जो नॉर्दन कमांड का अगुआ होता है। ऑपरेशन के वक्त लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा अपने कमरे में बैठे उस ऑपरेशन को देख रहे थे। वहीं, इस ऑपरेशन के बाद हुड्डा का एक बयान काफी सुर्खियों में रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस घटना को थोड़ा ज्यादा ही हाईप दिया गया और थोड़ा पोलिटिसाइज हो गया। लेकिन उन्होंने कहा था कि सेना के लिहाज से कहें तो हमें इसको करने की जरूरत थी, और हमने उसे बखूबी अंजाम दिया था।