कुछ मामलों में होगी छूट
पॉलीथिन प्रतिबंधित के बावजूद कूड़ा लाने-ले जाने, दही या आइक्रीम समेत दूध के बने उत्पादों के लिए प्रयोग होने वाले कप, पौधों की नर्सरी, बागवानी, कृषि में उपयोग की जाने वाली पॉलीथिन पैकेजिंग सामग्री और दवा, रक्त ले जाने वाले बैग, सिरिंज, नूमने रखने वाले बैग, मेडिकल उपकरण या हेल्थकेयर क्षेत्र में प्रयोग होने वाली प्लास्टिक को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है।
पॉलीथिन के प्रयोग पर होगा जुर्माना-जेल
पॉलीथिन बैन करने वाले आदेश में कहा गया कि निर्माताओं, विक्रेताओं और अन्य बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने पर उन्हें कम से कम पांच साल जेल और एक लाख रुपए तक के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। छोटे व्यापारियों के नियमों का उल्लंघन करने पर दो से तीन हजार रुपए के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। बंधित जिला कलेक्टर और उप-कलेक्टर से एक महीने तक कुछ ढिलाई के साथ प्रतिबंध को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बीएमसी और श्रम विभाग चलाएगी छापेमारी अभियान
भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के महापौर अनंत जेना ने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध को सुनिश्चित करने के लिए श्रम विभाग, बीएमसी, ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की टीमें पुलिस आयुक्त द्वारा गठित कर दी गई हैं। जेना ने कहा कि यह टीमें प्लास्टिक और पॉलीथिन के उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगी। प्लास्टिक और पॉलीथीन विनिर्माण कंपनियों को नोटिस भेज दिए गए हैं। साथ ही उन गोदामों पर छापे मारे जाएंगे, जहां इन वस्तुओं का भंडार किया जाता है।