धर्म संसद में हरिद्वार के भारत माता मंदिर के स्वामी गोविंद देव गिरिजी महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिंदुओं को समान नागरिक संहिता लागू होने तक कम से कम चार बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि जिन इलाकों में हिंदुओं की आबादी कम हुई है और क्षेत्र से भारत को हाथ धोना पड़ा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से ‘जनांकिकीय असंतुलन’ पर लगाई जा सकती है। उन्होंने सरकार की ‘हम दो हमारे दो की नीति’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये सिर्फ हिंदुओं तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए।
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए समान कानून, चाहे वो किसी जाति या धर्म का हो। जानकारों के मुताबिक अभी तक अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग कानून होने के चलते न्यायपालिका पर बोझ ज्यादा पड़ता है। इस सब से छूटकारा पाने के लिए सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता लाने की योजना बना रही है।
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए समान कानून, चाहे वो किसी जाति या धर्म का हो। जानकारों के मुताबिक अभी तक अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग कानून होने के चलते न्यायपालिका पर बोझ ज्यादा पड़ता है। इस सब से छूटकारा पाने के लिए सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता लाने की योजना बना रही है।
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वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को धर्म संसद में हिस्सा लेने पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अयोध्या में जन्मभूमि पर सिर्फ ‘राम मंदिर’ ही बनेगा, कोई और ढांचा नहीं। दो हजार से ज्यादा संतों और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई संशय नहीं होना चाहिए। अयोध्या में हम राम मंदिर बनाएंगे, यह कोई लोक लुभावनी घोषणा नहीं है बल्कि यह हमारी आस्था का सवाल है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। भागवत ने कहा कि वे यह बात किसी उत्साह में नहीं बोल रहे हैं। राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हिंदुओं के लिए गौरव की बात होगी। भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर केवल राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं बनेगा। भागवत ने कहा कि मंदिर उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्ष से चल रहे हैं। भागवत ने कि राम मंदिर के ऊपर एक भगवा झंडा बहुत जल्द लहराएगा। राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता।
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को धर्म संसद में हिस्सा लेने पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अयोध्या में जन्मभूमि पर सिर्फ ‘राम मंदिर’ ही बनेगा, कोई और ढांचा नहीं। दो हजार से ज्यादा संतों और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई संशय नहीं होना चाहिए। अयोध्या में हम राम मंदिर बनाएंगे, यह कोई लोक लुभावनी घोषणा नहीं है बल्कि यह हमारी आस्था का सवाल है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। भागवत ने कहा कि वे यह बात किसी उत्साह में नहीं बोल रहे हैं। राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हिंदुओं के लिए गौरव की बात होगी। भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर केवल राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं बनेगा। भागवत ने कहा कि मंदिर उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्ष से चल रहे हैं। भागवत ने कि राम मंदिर के ऊपर एक भगवा झंडा बहुत जल्द लहराएगा। राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता।