coronavirus: ‘चीन, इटली, ईरान के बाद भारत बन सकता है कोरोना का केन्द्र’
एक महीने में 10 से 15 गुणा ज्यादा हो जाएगी मरीजों की संख्या
‘बरतें ये सावधानी, दूर रहेगी कोरोना की बीमारी’
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) ने दुनियाभर में हाहाकार मचा रखा है। 145 से ज्यादा देश इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। एक लाख अस्सी हजार से ज्यादा लोग संक्रमित है, जबकि सात हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, भारत में भी इस वायरस ने ‘आतंक’ मचा रखा है। अब तक 16 राज्यों में इस वायरस ने अपना पैर पसार लिया है।
इस वायरस से चार लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, एक मामला संदिग्ध है जिसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है। जबकि, 152 लोग इस संक्रमण के शिकार हैं। आलम ये है कि स्थिति बेहद भयावह होती जा रही है। फिलहाल, यह वायरस दूसरे स्टेज में है और अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो तीसरे स्टेज में पहुंचने में समय नहीं लगेगा और स्थिति बेहद भयावह हो जाएगी। क्योंकि, इस केस में जितनी देरी की जाएगी मसलन लॉक डॉउन में जितनी देरी होगी यह वायरस उतनी तेजी से फैलता जाएगा। क्योंकि, चीन, इटली , ईरान और अमरीका की स्थिति पर गौर किया जाए तो लॉक डॉउन में देरी की वजह से ही इस वायरस ने ऐसा रूप धारण कर लिया।
पढ़ें- कोरोना पर बोले AIIMS के निदेशक, तीसरे स्टेज में पहुंचने से पहले वर्चुअल लॉक डॉउन की जरूरत इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च सेंटर ( ICMR ) के पूर्व प्रमुख डॉक्टर टी. जैकब जॉन ( T jacob john ) ने भी इस वायरस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से भारत में कोरोना को लेकर तैयारियां हैं, ऐसे में अगले एक महीने में इस वायरस के 15 गुणा मरीज बढ़ेंगे, जिसे संभालना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
डॉक्टर टी. जैकब जॉन ने कहा कि भारत का मौसम और यहां की जनसंख्या इस वायरस को फैलाने के लिए काफी हैं। क्योंकि, यहां लोग इलाज से और क्वारंटाइन से बचने के लिए भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन, इटली और ईरान के बाद भारत कोरोना वायरस का सबसे बड़ा केन्द्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में जो तैयारियां है, वह बाकी एशियाई देशों की तुलना में कम और अपर्याप्त हैं।
पढ़ें- Coronavirus: अगर खाने में इन चीजों का कर रहे सेवन तो तुरंत छोड़ दें, डाइट में शामिल करें ये चीज ICMR के पूर्व प्रमुख ने कहा कि भारत के लगभग हर शहर में एक इलाका ऐसा होता है, जहां लोगों के घरों और लोगों के बीच की दूरी बेहद कम होती है। इस हालात में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। जैकब जॉन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तक कोरोना मरीजों की संख्या धीमी गति से बढ़ रही है। लेकिन 15 अप्रैल तक कोरोना मरीजों की संख्या में 10 से 15 गुना ज्यादा हो जाएगी। क्योंकि देश में कोरोना वायरस को लेकर उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं। यहां आपको बता दें कि 17 मार्च को ICMR के वर्तमान प्रमुख डॉ. बलराम भार्गन ने कहा था कि अभी यह वायरस सामुदायिक तौर पर नहीं फैला है, अगर ऐसा होता है तो यह वायरस काफी तेज से फैल जाएगा।
कोरोना वायरस को लेकर आपके मन में उठ रहे हैं ये पांच कॉमन सवाल, तो ये रहा उसका सही जवाबक्यों इतनी तेजी से फैला यह वायरस? चीन का अनुभव बताता है कि कैसे सरकार शुरुआत में फेल हो गई, लेकिन बाद में शहरों के लॉक डॉउन के जरिए इस बीमारी को नियंत्रित कर लिया। दरअसल, इस वायरस में सरकार की प्रतिक्रिया में लगने वाला समय काफी महत्वपूर्ण है। इटली, ईरान और अमेरिका जैसे देशों ने आपाधापी में लॉकडाउन उस समय शुरू किया जब मामला काफी बिगड़ चुका है। सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) इस बीमारी को रोकने का पहला कदम होना था, लेकिन यह आखिरी कदम के रूप में इस्तेमाल किया गया। लिहाजा, परिणाम बेहद खतरनाक हो गया। हालांकि भारत में कुछ जगहों पर सामाजिक दूरी जैसे स्कूल, मेला या दूसरे तरह के सामूहिक आयोजनों पर रोक लगी है, लेकिन इनकी संख्या बहुत ही कम है। अगर भारत में भी समय रहते लॉक डॉउन नहीं किया गया तो यह वायरस खतरनाक रूप धारण कर सकता है।
भारत में अब तक 16 राज्यों मेॆं यह वायरस फैल चुका है। इनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमित लोग है। कोरोना से बचाव के लिए करें ये कामcoronavirus : क्या मास्क पहनने के बाद भी हो सकता कोरोना?, जानें ऐसे कई सवालों के जवाब
नहीं करें ये काम कोरोना होने से पहले बुखार आता है। ये कई दिनों तक रहता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है। इन लक्षणों के एक हफ्ते बाद सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। जिसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है।
AIIMS के निदेशक ने भी कहा बेहद सावधानी की जरूरत यहां आपको बता दें कि एम्स के निदेश संदीप गुलेरिया ने भी कहा है कि तीसरे स्टेज में पहुंचने से पहले वर्जुअल लॉक डॉउन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी तक जो लोग बाहर से आए हैं उनमें इन्फेक्शन है या फिर उनके संपर्क में जो आ रहे हैं उन्हें इन्फेक्शन है। गुलेरिया ने कहा कि हमें इस समय काफी सतर्क रहने की जरूरत है। अगर यह तीसरे स्टेज में पहुंच गया तो केस एक दम से बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
गुलेरिया ने कहा कि अगला स्टेज पांडेमिक स्टेज होता है, जहां पर इसे रोक पाना मुश्किल होता है और बस केवल कंट्रोल किया जा सकता है। अगर लोग इस वक्त सतर्क नहीं रहेंगे तो स्टेज 3 में जाने का बहुत ज्यादा खतरा है। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सलाह देते हुए कहा कि आने वाले दो हफ्तों में लोगों को प्रिकॉशंस लेने चाहिए।