सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से किया था इनकार
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले एक याचिका की सुनवाई करते हुए अपने फैसले में दागी नेताओं को चार्जशीट के आधार पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि सुनवाई के दौरान राज्यों और हाई कोर्ट से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर एमीकस क्यूरी, विजय हंसरिया और स्नेहा कलिता ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि राजनेताओं के खिलाफ कुल 4122 आपराधिक मामले में लंबित हैं। इसके अलावा यह भी बताया गया कि 1991 मामले ऐसे हैं जिनके खिलाफ अभी तक आरोप ही तय नहीं किए गए हैं, जबकि 264 मामले ऐसे हैं जिनके ट्राइल पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है।
रिटायरमेंट के बाद बोले जस्टिस कुरियन जोसेफ, 12 जनवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कोई पछतावा नहीं
देशभर में इतने हैं दागी नेताओं की संख्या
गौरतलब है कि देशभर में दागी नेताओं की संख्या हजारों की तादात में है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की रिपोर्ट को मानें तो33 फीसदी यानी 1581 जनप्रतिनिधियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से सांसदों की संख्या 98 है जबकि 35 लोगों पर बलात्कार, हत्या और अपहरण जैसे संगीन आरोप हैं। बता दें कि ADR ने देशभर के कुल 4896 जनप्रतिनिधियों में से 4852 के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया। इसमें कुल776 सांसदों में से 774 सांसदों और 4120 विधायकों में से 4078 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण शामिल है। बता दें कि चुनावी प्रक्रिया से आपराधिक नेताओं को दूर करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद भी मौजूदा समय में सैंकड़ों ऐसे नेता हैं जो संसद भवन और विधानसभाओं में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।