scriptतमिलनाडु सरकार ने जल्लीकट्टू का शेड्यूल किया जारी, मदुरई में तीन जगह होगा इस खेल का आयोजन | Tamil Nadu government announced date of Jallikattu in next month | Patrika News

तमिलनाडु सरकार ने जल्लीकट्टू का शेड्यूल किया जारी, मदुरई में तीन जगह होगा इस खेल का आयोजन

locationनई दिल्लीPublished: Dec 27, 2018 08:35:25 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

मदुरई जिले में तीन जगहों पर जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाएगा।

Jallikattu

Jallikattu

चेन्नई। हर साल विवादों में रहने वाला तमिलनाडु का पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू इस बार भी पोंगल के दौरान यानि कि जनवरी में ही आयोजित किया जाएगा। गुरुवार को तमिलनाडु सरकार ने एक आदेश जारी कर इस खेल के आयोजन के लिए तीन जगहों का चयन भी कर दिया है। मदुरई जिले में तीन जगहों पर जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाएगा।

इन गांवों में होगा जल्लीकट्टू का आयोजन

राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक, जल्लीकट्टू का आयोजन मदुरई के तीन गांवों में होगा। जल्लीकट्टू का आयोजन 15 जनवरी को अवनियापुरम, 16 जनवरी को पालमेडू और 17 जनवरी अल्लंगानल्लूर में होगा। राज्य सरकार ने ये नोटिफिकेशन पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 2 और 2017 के संशोधित अधिनियम के तहत जारी किया है।

पिछले साल जल्लीकट्टू पर लगा था बैन

आपको बता दें कि पिछले साल जल्लीकट्टू विवादों में भी रहा था। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक इस खेल को बैन करने की मांग की गई थी। इसको लेकर देशभर में कई प्रदर्शन भी हुए थे। तमिलनाडु के इस पारंपरिक खेल में सांड और बैलों के साथ इंसानों की एक तरह से लड़ाई करवाई जाती है, जिसमें इंसानों को सांड-बैल पर काबू पाना होता है। जो काबू पा लेता है उसे विजेता घोषित किया जाता है। दक्षिण भारत का ये एक लोकप्रिय खेल है, जो पिछले 2000 साल से खेला जा रहा है। ये तमिल लोगों की संस्कृति से जुड़ा हुआ है।

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने लगाया था बैन

इस खेल में अक्सर देखा जाता है कि कई बार प्रतिभागी अपनी जान तक गंवा देते हैं। जानवरों की सुरक्षा करने वाली संस्था पेटा इस खेल को बैन करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई थी, जिसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस खेल पर बैन लगा दिया था, लेकिन 2016 में केंद्र सरकार ने लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए एक अधिसूचना जारी कर इस खेल में बैलों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी, लेकिन केंद्र सरकार की इस अधिसूचना के खिलाफ कुछ ही दिन बाद अधिसूचना को रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई।

एक साल बाद राज्य सरकार लेकर आई अध्यादेश

2017 में जल्लीकट्टू को बैन किए जाने की मांग के खिलाफ हजारों की संख्या में चेन्नई की मरीना बीच पर लोग इकट्ठा हुए। इस प्रदर्शन में कई छात्रों, राजनीतिक दलों के युवा विंग के सदस्यों और आईटी कर्मचारियों ने भाग लिया। इसके बाद राज्य सरकार ने एक अध्यादेश लाकर जल्लीकट्टू पर लगे बैन को हटा दिया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो