Unlock 6.0: दिल्ली में क्यों बंद रहेंगे स्कूल, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिया यह जवाब इससे पहले राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा था कि उन्हें सरकारी छात्रों के लिए आरक्षण विधेयक का अध्ययन करने के लिए करीब तीन हफ्ते का समय चाहिए। लेकिन तमिलनाडु सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए स्नातक मेडिकल प्रवेश में 7.5 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के लिए जारी एक सरकारी आदेश के एक दिन बाद ही उन्होंने रजामंदी दे दी।
एक बयान में राज्यपाल कार्यालय में अतिरिक्त निदेशक (जनसंपर्क) ने शुक्रवार को बताया कि बीते 26 सितंबर को भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस विषय पर कानूनी राय मांगी थी। मेहता की कानूनी राय राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को गुरुवार 29 अक्टूबर को प्राप्त हुई थी। मेहता ने अपनी राय में बताया है कि तमिलनाडु विधेयक, भारत के संविधान के अनुरूप है।
वाट्सऐप ग्रुप के जरिये इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स कर रहे थे सामूहिक नकल, अलग-अलग कॉलेजों से 28 फोन जब्त राजभवन के आधिकारिक बयान के मुताबिक जैसे ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस संबंध में राय मिली, माननीय राज्यपाल ने तमिलनाडु में सरकारी स्कूलों के छात्र बिल, 2020 के अधिमान्य आधार पर चिकित्सा, दंत चिकित्सा, भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की इजाजत दे दी।
तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में 7.5 फीसदी आरक्षण लागू करने के लिए कार्यकारी आदेश रूट अपनाने का फैसला किया। इसके जरिये राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) पास करने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों को प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में आरक्षण मिलेगा।
कांग्रेस सरकार ने राज्य में निजी स्कूलों की फीस 40 फीसदी घटाई, भाजपा शासित प्रदेशों को दी कड़ी चुनौती गौरतलब है कि अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) में 12वीं की परीक्षा दे रहे या पास कर चुके छात्र भाग ले सकते हैं। नीट के परिणाम के आधार पर ही छात्रों को देश भर के तमाम मेडिकल, डेंटल, होम्योपैथी आदि चिकित्सा पाठ्यक्रमों के सरकारी व निजी कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।