संयंत्र को दोबारा कब शुरू किया जाएगा, इस तिथि के बारे में अभी स्पष्ट नहीं है। बता दें, एनपीसीआईएल के पास रूसी सामग्रियों के साथ निर्मित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएनपीपी) के तहत 1,000 मेगावाट के दो परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं।
बता दें, कुडनकुलम परियोजना का विकास रूस के सहयोग से किया गया था। इसकी दोनों इकाइयों में प्रत्येक की क्षमता 1,000 मेगावॉट है। कुडनकुलम के दूसरे यूनिट को अगस्त 2016 में पहली बार राष्ट्रीय बिजली वितरण प्रणाली से जोड़ा गया था और उसमें बनने वाली बिजली भारत को मिलने लगी थी।
कुडनकुलम की पहली यूनिट में पन-जल ऊर्जा परमाणु रिएक्टर यानी VVER-1000 रिएक्टर (इनडेक्स-वी-412) लगा हुआ है। यह दुनिया का पहला ऐसा बिजलीघर है, जिसका निर्माण फुकुशीमा दुर्घटना के बाद तय की गई सुरक्षा आवश्यकताओं के मुताबिक किया गया है।