script5 साल से नहीं मिली रही थी सैलरी, टीचर ने काट ली नस, खून से लिखा- भ्रष्टाचार मुर्दाबाद | teachers are committing suicide Due to corruption | Patrika News

5 साल से नहीं मिली रही थी सैलरी, टीचर ने काट ली नस, खून से लिखा- भ्रष्टाचार मुर्दाबाद

locationनई दिल्लीPublished: Jul 06, 2020 10:38:35 am

Submitted by:

Ruchi Sharma

Highlights- शिक्षा विभाग (Education Department) में व्याप्त भ्रष्टाचार और आर्थिक तंगी से परेशान आकर दो शिक्षकों ने सुसाइड (Teacher Commits Suicide) करने की कोशिश कर ली है- मामला जिला मुख्यालय डुमरा स्थित परेड स्थल मैदान का है- जहां मंच पर शिक्षक ने खुद से कलाई की नस को काटा और खून से दो शब्द लिख डाले- भ्रष्टाचार मुर्दाबाद

5 साल से नहीं मिली रही थी सैलरी, टीचर ने काट ली नस, खून से लिखा- भ्रष्टाचार मुर्दाबाद

5 साल से नहीं मिली रही थी सैलरी, टीचर ने काट ली नस, खून से लिखा- भ्रष्टाचार मुर्दाबाद

नई दिल्ली. भारत में भ्रष्टाचार का रोग बढ़ता ही जा रहा है। हमारे जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं बचा, जहां भ्रष्टाचार (corruption in india) न फैला हो। वहीं शिक्षा विभाग (Education Department) में व्याप्त भ्रष्टाचार और आर्थिक तंगी से परेशान आकर दो शिक्षकों ने सुसाइड (Teacher Commits Suicide) करने की कोशिश कर ली है।
मंच में काट ली नस

मामला जिला मुख्यालय डुमरा स्थित परेड स्थल मैदान का है, जहां मंच पर शिक्षक ने खुद से कलाई की नस को काटा और खून से दो शब्द लिख डाले- भ्रष्टाचार मुर्दाबाद। खून से लथपथ शिक्षक को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जख्मी शिक्षक बेला थाना क्षेत्र के नरगा गांव निवासी संजीव कुमार है, जिसकी प्रतिनियुक्ति बरियारपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय लपटी टोला में है।
अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट कर थक गया था अधिकारी

शिक्षक की जेब से लंबित सैलरी को लेकर डीएम को संबोधित 28 जनवरी 2019 का आवेदन मिला। पहले जख्मी शिक्षक का नाम संजीव है, जिन्होंने बताया कि प्रशिक्षित शिक्षक होने के बावजूद उसका वेतन जुलाई 2015 से ही विभाग द्वारा बंद कर दिया गया है। उसने बताया कि वो अपने लंबित वेतन को लेकर पंचायत से लेकर जिलास्तर तक के अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट कर थक गया है, लेकिन किसी तरह का सहयोग न मिला, जिसके कारण हताश होकर उसने यह कदम उठाया है। जख्मी शिक्षक को इलाज के लिए मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच रेफर किया गया है।
दूसरा मामले में शिक्षक ने लगा ली छलांग

वहीं दूसरा मामला राजधानी पटना के फतुहा थाना क्षेत्र का है, जहां आर्थिक तंगी से ऊबकर एक दिव्यांग विधवा शिक्षिका ने पुनपुन नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। स्थानीय लोगों द्वारा घटना की जानकारी दिए जाने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर शव की तलाश में जुट गई है। हालांकि, अब तक शव की बरामदगी नहीं हो सकी है। पुलिस ने घटनास्थल से दिव्यांग महिला शिक्षिका का ट्राई साइकिल और वैशाखी बरामद कर लिया है।

गौरतलब है कि इससे पूर्व रुन्नीसैदपुर के मध्य विद्यालय थुम्मा द्वितीय की महिला शिक्षिका रश्मि रूपम का अकारण वेतन रोके जाने का मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ था। इसके लिए शिक्षिका ने स्थानीय स्तर से लेकर जिला प्रदेश स्तर तक के अधिकारियों से अपने लंबित वेतन को लेकर गुहार लगी थी, लेकिन जिले के शिक्षा विभाग के कानो पर जू तक नहीं रेंगी। इस दौरान शिक्षिका दो बार यक्ष्मा रोग से पीड़ित भी हो गई, लेकिन उसकी सुधी लेने वाला तक शिक्षा विभाग में कोई न था।

तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ रणजीत कुमार सिंह के कड़े रुख के बाद विभाग ने शिक्षिका का मानदेय तो प्रारंभ कर दिया गया, लेकिन उसके अकारण लंबित किये गए उसके वेतन का भुगतान विभाग ने अब तक नहीं किया है। इसकी लड़ाई शिक्षिका वर्तमान में भी लड़ रही है।

बिहार मानवाधिकार आयोग पटना के पत्रांक 2406 दिनांक 12-02-2015 के आलोक में प्रधान सचिव , शिक्षा विभाग बिहार के पत्रांक 8/आ05-18/2015 के ज्ञापांक 387 दिनांक 17/06/ 2015 में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा अपने निजी स्वार्थवश शिक्षकों का रोका जाता है जिसपर रोक लगाने के लिए उक्त आदेश को विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी किया गया था। जिला स्तर के सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि अगर ऐसा कोई भी मामला सामने आता है तो तत्काल ऐसे मामले का निष्पादन कर शिक्षिका का वेतन देते हुए दोषी स्थानीय पदाधिकारियों पर कार्रवाई करे।
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