हड़ताली कर्मचारियों ने बसों को बाहर निकलने से रोकने के लिए बस डिपो के सामने धरना दिया, लेकिन उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डिपो और बसअड्डों पर सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा कर दिया गया है, क्योंकि टीएसआरटीसी ने अस्थायी कर्मचारियों की मदद से सामान्य परिचालन को बहाल करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
तेजी से बदल रही है मौसम की चाल, देशभर के कई इलाकों में अगले 24 घंटे में आंधी और तूफान कर सकता है परेशान टीएसआरटीसी के अधिकारियों ने कहा कि वे ७५ फीसदी बस सेवाओं का संचालन कर रहे हैं और जल्द ही पूर्ण परिचालन बहाल करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया कि उनके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने बुधवार की देर शाम अधिकारियों की बैठक में कहा कि हड़ताली कर्मचारियों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
उन्होंने उन कर्मचारियों को वापस लेने से इनकार कर दिया, जो समय सीमा समाप्त होने से पहले ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। परिवहन मंत्री पी. अजय और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक पांच घंटे तक चली। पिछली बैठकों की तरह ही हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हड़ताली कर्मचारियों के साथ कोई भी बातचीत या समझौता करने से इनकार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहार के दौरान हड़ताल से टीएसआरटीसी को १५० करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और इससे उनकी वित्तीय परेशानी बढ़ गई है।
उन्होंने अधिकारियों से अस्थायी चालकों की भर्ती के लिए आगे बढ़ने और अधिक निजी बसों को किराए पर लेने के लिए भी कहा।