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लद्दाख LAC पर तनाव के बीच इंडियन एयर फोर्स ने उतारे फाइटर विमान

Published: May 13, 2020 04:43:04 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

इसी महीने पैंगोंग झील के पास हुई थी चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प
दोनों तरफ के सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है
इससे पहले साल 2017 में डोकलाम को लेकर भारत-चीन में चला था गतिरोध

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भारत और चीन के बीच पिछले सप्ताह से तनाव बढ़ा हुआ है। पैंगोंग झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों में हुई झड़प और उसके बाद लद्दाख में चीनी हैलीकॉप्टर देखे जाने के बाद IAF ने अपने लड़ाकू विमान Su-30MKI क्षेत्र में उतारे हैं। दोनों तरफ के सैनिक हाई अलर्ट पर हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार- पिछले हफ्ते भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख और दोनों देशों के बीच सीमा से लगे सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास भी दो तीखी झड़पें हुई थीं। इसमें दोनों तरफ के सैनिक जख्मी हुए थे।
चीन के इस दुस्साहस को देखते हुए भारतीय वायुसेना हाई अलर्ट पर है और किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। गौर हो, 10 मई को भारत और चीन के सैनिकों में झड़प होने की खबर आई थी।
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पहली झड़प 5 मई देर रात की बताई जा रही है। जो पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई थी। दोनों तरफ के सैनिकों को मामूली चोटें आई थीं। दोनों तरफ के सैनिकों ने एक-दूसरे पर पथराव भी किया था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- इस घटना में करीब 200 सैनिक शामिल थे। उसके बाद दोनों ओर से यहां पर अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए थे।
बातचीत के बाद गतिरोध हुआ खत्म

रिपोर्ट के अनुसार- घटना की अगली सुबह दोनों पक्षों में बातचीत रके बाद गतिरोध खत्म हुआ। भारतीय सैनिकों को आई चोटों के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बता दें, दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस तरह की यह दूसरी घटना है। इससे पहले पैंगोंग झील के पास अगस्त 2017 में ऐसी झड़प हुई थी, जिसमें जिसमें दोनों तरफ के सैनिकों में घूंसे चले थे।
रिपोर्ट के अनुसार– दूसरी झड़प हाल ही में 150 भारतीय सैनिकों और चीनी सैन्य कर्मियों के बीच चीन-भारत सीमा के सिक्किम सेक्टर के नाकू ला दर्रे के पास हुई थी। इसमें कम से कम 10 सैनिकों को चोटें आई थीं। यहां भी सैनिकों के बीच हाथापाई हुई।
डोकलाम में 2017 में 73 दिन तक चला था गतिरोध

इससे पहले साल 2017 में भारत और चीन मे डोकलाम को लेकर भारत और चीन में तनाव पैदा हुआ था। इसमें के सैनिकों के बीच डोकलाम ट्राई जंक्शन के पास 73 दिन तक गतिरोध बना रहा था। यहां तक कि दोनों परमाणु सम्पन्न देशों के बीच युद्ध की आशंकाएं भी उत्पन्न हो गई थीं।
यह है विवाद

भारत और चीन में सीमा विवाद 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर है। चीन यह दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है, जबकि भारत इसका खंडन करता आया है। हालांकि दोनों पक्षों का कहना है कि जब तक सीमा मुद्दे का हल नहीं होता, सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखना जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने डोकलाम गतिरोध के कुछ महीनों बाद अप्रैल 2018 में चीनी शहर वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता की थी। इसमें उन्होंने फैसला लिया था कि वे अपनी सेनाओं को रणनीतिक मार्गदर्शन जारी करेंगे।
पीएम और शी जिनपिंग में शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी के बीच दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन पिछले साल अक्टूबर में चेन्नई के पास मामल्लापुरम में हुआ था। इसमें द्विपक्षीय संबंधों को और व्यापक बनाने पर बल दिया गया था।
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