पिछले तीन साल से हो रही थी सलीम शाह की तलाश
हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर आतंकियों की सलीम से क्या दुश्मनी थी जो उन्हें तीन साल से ढूंढा जा रहा था? दरअसल, जैश ए मोहम्मद के कमांडर आदिल पठान की मौत का बदला लेने के लिए आतंकी तीन साल से सलीम शाह को ढूंढ रहे थे। शुक्रवार को जब आतंकियों को सलीम शाह के घर में होने की जानकारी मिली तो उन्होंने घर में धावा बोलकर सलीम को अगवा कर लिया और जंगलों में ले जाकर मार डाला। उनकी हत्या से पहले सलीम शाह को घंटों कठोर प्रताड़ना दी गई। प्रताड़ना के दौरान आतंकी आदिल पठान के इनकाउंटर की जानकारी कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम शाह से लेते रहे। जैसे ही कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम शाह ने जैश कमांडर आदिल पठान के इनकाउंटर में मौजूद होने की बात कबूल की, उसी समय उनकी गोलीमार कर हत्या कर दी गई।
2015 में आदिल को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में किया था ढेर
आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर आदिल पठान 2013 से 2015 के बीच कश्मीर घाटी में आतंक का पर्याय बन चुका था। कश्मीर घाटी में मौजूद तमाम सुरक्षाबल लगातार आतंकी आदिल पठान की तलाश में घेरेबंदी कर रहे थे। 4 अक्टूबर 2015 को आदिल को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर के दौरान मार गिराया। आदिल का एनकाउंटर अवंतीपुरा में किया गया। इससे पहले एक एनकाउंटर में आदिल बचकर भागने में कामयाब हो गया था। अवंतीपुरा मुठभेड़ के दौरान कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम शाह जम्मू-कश्मीर पुलिस में बतौर स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) तैनात थे। इस इनकाउंटर से पहले तत्कालीन एसपीओ मोहम्मद सलीम शाह ने आतंकी आदिल पठान को खोजने के साथ-साथ उसके खात्मे तक अहम भूमिका अदा की थी।
लश्कर और जैश ने सलीम को मारने के लिए मिलाया हाथ
ऐसा भी कहा जा रहा है कि कॉन्सटेबल सलीम को मारने में आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद ने हाथ मिलाया था। सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जिन आतंकियों ने कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम शाह को अगुवा कर उनकी हत्या की थी, वे सभी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। जिसमें एक आतंकी पाकिस्तान मूल का है, जबकि दो अन्य आतंकी कुलगाम के रहने वाले हैं।