तेज बहादुर सिंह ने बताया कि उन्होंने शिकायत क्या कि उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। यही नहीं उन्हें अंदर तक जाने नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी एक पुराने साथी से बात हुई जिसने उन्हें बताया कि फिर से वही पुराने वाला खाना मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत का क्या रिजल्ट आया यह सबको दिख रहा है। किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ अधिकारियों ने उनकी सेना में खाने की बात को स्वीकारा था। उन्होंने कहा कि सेना में खाने कि शिकायत का सिर्फ एक ही रिजल्ट निकला है, वह उनका सेना से बर्खास्त होना है। बता दें कि 19 अप्रैल को तेज बहादुर सिंह का कोर्ट मार्शल किया गया। जिसपर उन्होंने पिछले महीने की तारीख 20 दिसंबर को चंडीगढ़ हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अपील की है।
पत्नी के खर्च से चल रहा है खर्च
तेजबहादुर ने बताया कि उनके घर का खर्च अभी उनकी पत्नी ही संभाल रही हैं। उनकी पत्नी शर्मिला को महीने के मात्र 15 हजार रुपये मिलते हैं। वह अभी फिलहाल किराए के घर में रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन 15 हजार में से 5 हजार तो किराया देना पड़ता है। उनकी पेंशन और भत्तों पर भी रोक लग चुकी है। वहीं सेना से किए जाने पर पिता शेर सिंह (80) को उस समय हार्ट अटैक आया था। अब उनकी तबीयत खराब ही रहती है। पेंशन और भत्तों पर भी रोक लगा दी गई। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है।
तेजबहादुर ने बताया कि उनके घर का खर्च अभी उनकी पत्नी ही संभाल रही हैं। उनकी पत्नी शर्मिला को महीने के मात्र 15 हजार रुपये मिलते हैं। वह अभी फिलहाल किराए के घर में रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन 15 हजार में से 5 हजार तो किराया देना पड़ता है। उनकी पेंशन और भत्तों पर भी रोक लग चुकी है। वहीं सेना से किए जाने पर पिता शेर सिंह (80) को उस समय हार्ट अटैक आया था। अब उनकी तबीयत खराब ही रहती है। पेंशन और भत्तों पर भी रोक लगा दी गई। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है।