दादा की मौत का सदमा हनी को इतना पहुंचा की उसने गुस्से में अपनी दादी को गोलियों से भून दिया। उसके बाद भी हनी नहीं रूका और उसने खुद को भी गोली मारकर सुसाइड कर लिया।
हनी के करीबी रिश्तेदारों ने बताया कि हनी जब पैदा हुआ था उससे पहले ही उसके पिता की मौत हो गई थी। यही नहीं हनी ने अपनी सगी मां तक को नहीं देखा था। वह इसलिए क्योंकि हनी की मां ने दूसरी शादी कर ली थी। हनी का पालन पोषण उसके दादा-दादी ने ही किया था। रिश्तेदार ने बताया कि दादा-दादी की ही ख्वाहिश थी कि वह हनी को जन्म दें। वह उसका पालन पोषण करेंगे। हनी के दादा-दादी और नाना-नानी की सहमति से हनी की मां की दूसरी शादी करा दी गई।
हनी के दादा कैंसर की वजह से लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने अस्तपाल में ही हनी की शादी तय की थी। वहीं अस्पताल में उन्होंने एक लड़की को पसंद किया था। रिश्तेदार ने बताया कि हनी के दादा अपनी बीमारी के कारण उनके रहते हनी की शादी कराना चाहते थे। लेकिन शादी वाले दिन घर से बारात निकलने के बजाय घर से 3 अर्थियां निकली।