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बौद्ध समुदाय के खिलाफ तौहीद जमात करता है काम
मीडिया रिपोर्ट्स में चरमपंथी संगठन तौहीद जमात को इस हमले के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। आमतौर पर श्रीलंका में काफी सक्रिय रहने वाले संगठन लिब्रेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) को हमलों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस बार मीडिया रिपोर्ट्स में लिट्टे का हाथ नहीं होकर किसी इस्लामिल संगठन का नाम सामने आ रहा है। तौहीद जमात को श्रीलंका में बौद्ध समुदाय के लोगों के खिलाफ माना जा रहा है। इस संगठन पर बुद्ध की प्रतिमा तोड़ने और उसे विस्फोट करने का आरोप लग चुका है। साथ ही तौहीद जमात (SLTJ) श्रीलंका में कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने के लिए भी इसे जाना जाता है। यह संगठन भारत के तमिलनाडु में कई सालों से सक्रिय है। तमिलनाडु में इस चरमपंथी संगठन का दबदबा है।
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पुलिस ने किया था अलर्ट
11 अप्रैल को कोलंबो पुलिस को मिले धमकी भरे पत्र में इसी इस्लामिक संगठन की चर्चा है। तौहीद जमात की ओर से जारी पत्र में भारतीय दूतावास और होटलों को निशाना बनाने की बात का जिक्र है। जिसे श्रीलंका पुलिस चीफ ने अलर्ट जारी कर कहा था कि तौहीद जमात हमला कर सकता है।