रातभर आपस में पंचायत चलती रही और सिंदूरदान की रस्म अटकी रही। जब सुबह हुई तो वर और कन्या पक्ष ने क्षेत्र के कुछ संभ्रांत व्यक्तियों की पंचायत बुलाई। फिर भी कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद लड़की ने शादी से इनकार कर दिया। काफी समझाने के बाद भी पूनम मांग में सिंदूर लेने को राजी नहीं हुई। आखिरकार बारात को बैरंग वापस जाना पड़ा।