गांव के सरपंच अरविंद कुमार ने गांव के लोगों को ऐसे घरों को बहिष्कृत करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे घर में शौचालय न होने से महिलाओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है। ऐसे में घर में शौचालय होना बेहद जरूरी है। सरपंच अरविंद बताते है कि अगर किसी परिवार के पास इतने पैसे नहीं है कि वो घर में टॉयलेट बनवा सके, तो वो सरकारी योजनाओं का लाभ उठा कर इस काम को पूरा करवा सकते हैं। नहीं तो हम पंचायत भी उसकी पूरी तरह से मदद करेंगे। पंचायत के इस फैसले पर लोग पंचायत की काफी तारीफ कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पंचायत का यह फैसला काफी सराहनीय है। यह फैसला न सिर्फ महिलाओं के सम्मान के लिए है बल्कि इससे खुल में शौच करने वाली बीमारियों से भी काफी रोक लगेगी।
बता दें कि खुले में शौच के खिलाफ भी सरकार कई प्रयास कर रही है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच करना अपराध है। वहीं इसी प्रयास को लेकर बॉलीवुड में फिल्म तक बन चुकी है। इसी साल 15 अगस्त के मौके पर आई अक्षय कुमार की फिल्म ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’ इसी थीम पर बेस्ड थी। फिल्म में हीरोइन भूमि के ससुराल में टॉयलेट न होने की वजह से उसे कितनी परेशानियां झेलनी पड़ती है वह दिखाया गया है।