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विदेश में जितना होगा काला धन भारत में उतनी संपत्ति होगी जब्त

Published: Dec 03, 2017 11:40:35 am

Submitted by:

ashutosh tiwari

केंद्र सरकार की ओर से गठित एमएजी ने आयकर विभाग को ऐसे 714 लोगों को नोटिस भेजने को कहा है, जिन्होंने टैक्स हेवेन देशों में निवेश किया है।

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मुंबई. पैराडाइज पेपर्स मामले में जांच कर रही टास्क फोर्स तेजी से कार्रवाई की तैयारी में है। दोषी पाए गए लोगों की विदेश में मौजूद कालेधन के बराबर भारतीय संपत्ति जब्त की जाएगी। ये पेपर्स लीक होने के एक दिन बाद ही केंद्र सरकार की ओर से गठित मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमएजी) ने आयकर विभाग को ऐसे 714 लोगों को नोटिस भेजने को कहा है, जिन्होंने टैक्स हेवेन देशों में निवेश किया है। शुक्रवार को एमएजी की पहली बैठक में यह तय किया गया कि भारत में कर चोरी कर विदेशों में संपत्ति बनाने वालों के खिलाफ तय मानकों के मुताबिक जांच होगी।
अगर इनमें से किसी की विदेशी संपत्ति के बारे में विदेश से कोई सूचना मिलती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ काला धन कानून (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और इंपोजीशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 के तहत कार्रवाई होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस कार्रवाई में आरोपी व्यक्ति के विदेश में जमा संपत्ति के बराबर भारत में मौजूद उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। यह काम प्रवर्तन निदेशालय एंटी मनी लॉन्ड्रिंग लॉ के तहत करेगा। उल्लेखनीय है कि इस स्पेशल टास्क फोर्स में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन, प्रवर्तन निदेशालय, आरबीआई और वित्तीय खुफिया इकाई के अफसर शामिल हैं।
दी जाएगी प्रश्नावली
टास्क फोर्स ने तय किया है कि जिन लोगों को आईटी एक्ट की धारा-131 के तहत नोटिस थमाया जाएगा, उन्हें एक प्रश्नावली भी दी जाएगी। इसमें सवाल होगा कि विदेशी निवेश और संपत्तियों से उनका क्या संबंध है? लेनदेन और जमाओं के बारे में भी सवाल पूछा जाएगा। इसके अलावा विदेशी कंपनियों में निवेश करने वाले शेयरहोल्डर्स, डायरेक्टर्स और लाभार्थियों से पूरा विवरण मांगा जाएगा। जैसे कि आयकर रिटर्न, बैंक खातों के बारे में जानकारी देनी होगी।
तय समय में टास्क फोर्स पूरा करेगी काम
अधिकारी के मुताबिक, टास्क फोर्स साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं, वह निश्चित समयसीमा में सभी विदेशी संपत्तियों का आकलन करे। मामले में जल्द से जल्द मुकदमा चलाने को भी कहा गया है।
इन चीजों की जानकारी मांगी जाएगी
अगर कोई व्यक्ति जांच के दौरान ये दावा करता है कि वह प्रवासी है तो उसे अपना मूल पासपोर्ट और अन्य संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे। जरूरी हुआ तो स्वतंत्र तौर पर आव्रजन अधिकारियों से भी इसकी जांच कराई जाएगी। खास तौर पर उस व्यक्तिके भारत में रहने के दौरान विदेशी निवेशों के विवरण की भी जांच होगी। इसके अलावा संबंधित व्यक्तिके बारे में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट और अन्य माध्यमों से भी जानकारी जुटाई जाएगी।
सीजेआई ने मधुमक्खी से समझाया टैक्स
जबलपुर ञ्च पत्रिका ब्यूरो. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा है कि कर प्रणाली ऐसी हो जिससे किसी पर भार न पडे़। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मधुमक्खी फूलों से उतना ही रस ग्रहण करती है, जिससे पेड़ या फूल को नुकसान न हो। रस देने के बाद भी वह शहद बनाकर समाज के कल्याण का काम करती है। करा- रोपण ऐसी ही हो। इस परिप्रेक्ष्य में वेदव्यास व चाणक्य का जिक्र भी किया। जस्टिस मिश्रा ने कहा ‘कर का स्वरूप ऐसा होना चाहिए, जो सरल और तर्कसंगत हो। वह उतना हो, जिससे किसी पर भार नहीं पड़े।
जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि यह सेमिनार जीएसटी के सम्बंध में है। अभी यह सब जुडीशियल है। इसलिए कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है। लेकिन, अधिकतर लोग सही तरीके से कर जमा करें, ऐसे प्रयास होने चाहिए। सीजेआई शनिवार को आयोजित तीन दिवसीय टैक्स प्रैक्टिस-विजन 2022 थीम पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि गए थे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन भी मंचासीन थे।
10 साल तक की कैद हो सकती है
इस मामले में जानबूझकर कर छिपाने पर सजा होगी, जिसमें 3 से लेकर 10 साल तक की कैद और उसके साथ जुर्माना भी भरना होगा।

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