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36 साल बाद मां भद्रकाली को वापस मिला पुराना ठिकाना, घर वापसी में सेना की रही खास भूमिका

locationनई दिल्लीPublished: Mar 21, 2018 02:50:58 pm

Submitted by:

Arijita Sen

मां भद्रकाली की सवा सौ साल पुरानी मूर्ति को जम्मू से हटाकर हंदवाडा के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर में पुर्नस्थापित कर दिया गया।

Bhdrakali statue
नई दिल्ली। मां भद्रकाली की सवा सौ साल पुरानी मूर्ति को लगभग 36 सालों के बाद फिर से पुर्नस्थापित किया गया। इस मूर्ति के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। साल 1891 में इस मूर्ति का निर्माण करवाया गया था और उसी दौरान गांव के ही श्रीमान सर्वा को मां के दर्शन प्राप्त हुए जिसमें मां ने उनसे कहा कि उनकी प्रतिमा को खायनार में स्थित मंदिर से हंदवाडा में स्थापित कर दिया जाएं। अपने पिता के आदेश पर सर्वा के बेटे,केशवजी खायनार से इस मूर्ति को हटवाकर भद्रकाल गांव के भद्रकाली मंदिर में स्थापित करवा दिया।
Soldiers helping
इसके कुछ समय के बाद ही साल 1981 में मंदिर से मूर्ति अचानक चोरी हो गई। काफी कोशिशों के बाद साल 1983 में इस मूर्ति को खोज निकाला गया। खोजने के बाद मूर्ति को जम्मू में रखा गया था, लेकिन अब इस मूर्ति को जम्मू से हटाकर हंदवाडा के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर में पुर्नस्थापित कर दिया गया है और इस काम में सेना के जवानों ने काफी मदद की है।
साल 1981 में मूर्ति के चोरी हो जाने के बाद जब साल 1983 में उसे बरामद किया गया था तो भूषण लाल पंडित मूर्ति को लेकर जम्मू आ गए। वहीं उन्होंने मूर्ति को स्थापित कर उसकी आराधना करने लगे। काफी इधर-उधर करने के बाद मूर्ति को आखिरकार उसकी वास्तविक जगह मिल ही गई। इस मूर्ति को हंदवाडा में पुन स्थापित करने के लिए सेना की 21 राइफल्स ने मदद की।
Security
दरअसल पंडित भूषण लाल ने 7 सेक्टर के नेशनल राइफल्स के ब्रिगेडियर से इस मूर्ति को पुन कश्मीर में स्थापित करने के लिए मदद की मांग की। पंडित जी के अनुरोध को मानते हुए ब्रिगेडियर राय ने उनसे वायदा किया था कि नवरात्रि के शुरू होते ही इस मूर्ति को मंदिर में फिर से स्थापित कर दिया जाएगा। 18 मार्च, 2018 को मां के इस मूर्ति को वापस उसके ऐतिहासिक स्थान पर स्थापित कर दिया गया। मंदिर और मूर्ति की सुरक्षा को देखते हुए यहां जवानों को भी तैनात कर दिया गया है।

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