scriptआंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति का अजीबोगरीब बयान, टेस्ट ट्यूब तकनीक से हुआ था कौरवों का जन्म | The strange statement of the Vice Chancellor of Andhra University said, Kauravas was born by the test tube technique | Patrika News

आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति का अजीबोगरीब बयान, टेस्ट ट्यूब तकनीक से हुआ था कौरवों का जन्म

locationनई दिल्लीPublished: Jan 05, 2019 08:45:24 pm

Submitted by:

Anil Kumar

नागेश्वर राव ने अपने एक बयान में कहा है कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल रिसर्च और टेस्ट ट्यूब तकनीक द्वारा हुआ है।

आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति का अजीबोगरीब बयान, टेस्ट ट्यूब तकनीक से हुआ था कौरवों का जन्म

आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति का अजीबोगरीब बयान, टेस्ट ट्यूब तकनीक से हुआ था कौरवों का जन्म

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के कुलपति जी. नागेश्वर राव ने बेहद ही चौंकाने वाला एक बयान दिया है। राव के बयान के बाद सियासी गलियारे में भी हलचल मची हुई है। दरअसल नागेश्वर राव ने अपने एक बयान में कहा है कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल रिसर्च और टेस्ट ट्यूब तकनीक द्वारा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि महाभारत और रामायण एक इतिहास है, मैथॉलोजी नहीं। राव ने कहा कि उस जमाने में जो भी लोग थे वे सभी विज्ञान का अभ्यास करते थे। भारतीय परंपरा और संस्कृति के लिए विज्ञान कोई नया नहीं है। नागेश्वर राव ने आगे यह भी कहा कि हमसभी ने महाभारत और रामायण को पढ़ा है। यह कैसे संभव हो सकता है कि गांधारी अपने पूरे जीवन में 100 बच्चों को जन्म दे? उन्होंने खुद इसका जवाब देते हुआ कहा कि यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि अंडाणु को फर्टिलाइज्ड किया गया, उसे अलग-अलग किया गया और फिर उसका विकास हुआ। जैसे की आज के समय में टेस्ट ट्यूब बेबी का विकास होता है।

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विप्लब देब ने भी दिया था ऐसा बयान

आपको बता दें कि बीते वर्ष त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने एक के बाद एक ऐसे बयान दिए थे जिसके बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी। बिप्लब देब ने कहा था कि रामायण और महाभारत काल के समय में इंटरनेट था। क्योंकि जिस तरह से आज बिना किसी तार या अन्य कुछ संसाधनों के बिना दूर बैठे किसी व्यक्ति से बात कर लेते हैं ठीक उसी तरह उस समय में भी लोग एक-दूसरे से बिना किसी साधन के घर बैठे बात कर लेते थे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि उस समय काल में सैटेलाइट भी था। क्योंकि संजय ने महाभारत के युद्ध का हाल घर बैठे हीं धृतराष्ट्र को सुनाया था।

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