हाईकोर्ट में 9 फीसदी महिला जज, 68 साल में सिर्फ 8 महिला जजों की हुई नियुक्ति
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि दरअसल एक ट्रांसजेंडर ने अपने महिला मित्र को उसकी इच्छा के अनुसार पार्टनर चुनने का अधिकार देने की मांग की थी। क्योंकि उसकी दोस्त अपने शादीशुदा जीवन से खुश नहीं थी। उसका पति उसे प्रताड़ित करता था। इसलिए महिला ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था। महिला अपने पति से अलग होकर अपने ट्रांसजेंडर मित्र के साथ रहने लगी थी। बता दें कि महिला का ट्रांसजेंडर मित्र का जन्म एक लड़की के तौर पर हुआ था लेकिन बाद में उसने अपने जेंडर चेंज करवाकर खुद की पहचान एक पुरुष के रूप में की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि बीते 6 नवंबर को उसके घर पर महिला के पिता और उसके कुछ रिश्तेदार आए और महिला को वहां से ले गए। इस पर उसने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जब यह मामला कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट में महिला के परिवार ने कहा कि उसकी बेटी की वजह से उसे समाज में अपमानित होना पड़ा है। इसपर कोर्ट ने कहा कि किसी भी महिला को उसकी इच्छा के अनुसार अपना पार्टनर चुनने का अधिकार है, इसमे कोर्ट कोई दखल नहीं दे सकता है। क्योंकि महिला बालिग हो चुकी है।