इलैया की किताब पर विवाद
पंजागुट्टा पुलिस का कहना है कि प्रोफ़ेसर कांचा ने एक पुस्तक प्रकाशित की है, जिसमें आर्य समाज के भोजन संबंधी मुद्दों पर ऐसी जानकारी लिखी गई है, जिस पर आर्य वैश्य संगम को आपत्ति है। आर्य संगम ने शिकायत दर्ज कराई है और उसकी जांच की जा रही है। हालांकि बेंगलूरू की महिला पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद प्रो. कांचा को मिली धमकी को लेकर भी पुलिस सतर्क हो गई है।
25 लेखकों को दी जा रही सुरक्षा
बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद करीब 25 कन्नड साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों और विचारकों को सुरक्षा प्रदान की गई है। लेखकों को यह सुरक्षा खुफिया विभाग की सलाह पर कर्नाटक पुलिस ने मुहैया कराई है। इन लोगों की सभाओं के आसपास भी सुरक्षा पुख्ता की जाएगी। जिसमें ज्ञानपीठ से सम्मानित गिरिश कर्नाड, केएस भगवान, बारागुर रामचंद्रप्पा, पाटुल पुटपिपा और चेत्रावीरा कवणी, योगेश मास्टर, बनजगेरे जयप्रकाश, नटराज हुलियार और चंद्रशेखर पाटिल समेत 15 अन्य की सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई है।
कौन हैं प्रोफेसर इलैया प्रोफेसर कांचा इलैया
हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के सामाजिक बहिष्कार और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र के डायरेक्टर हैं। दक्षिण भारत में उनकी पहचान बड़े दलित चिंतक के रूप में है। उनकी किताब मैं हिंदू क्यों नहीं बहुत चर्चित रही है। दलितों से जुड़े मुद्दों को वह अक्सर उठाते रहे हैं। पिछड़ी जाति गड़रिया भेड़पालक के परिवार में जन्में कांचा इलैया पहले भी कई बार विवादास्पद बयान दे चुके हैं। आंध्र प्रदेश के रहने वाले कांचा इलैया दलितों के लिए लिखते रहे हैं। एक तेलगु न्यूजपेपर में विवादास्पद लेख के कारण उन पर हिंदू महासभा की ओर से केस भी दर्ज कराया गया था। वे देश के जाने-माने लेखकों में शामिल हैं। वह व्हाय आई एम नॉट ए हिंदू, पोस्ट-हिंदू इंडिया, ए डिस्क्लोजर इन दलित-बहुजन, सोश्यो स्पिरिच्युअल एंड साइंटिफिक रिवॉल्यूशन जैसी किताबें लिख चुके हैं।