स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अदिति अपने घर में ही रही। घर में खाली बैठकर अदिति का वक्त नहीं बीत रहा था और वो बोर होने लगी। इसके बाद अदिति अपने माता-पिता के साथ उनके ऑफिस जाने लगी। ऑफिस जाकर वो अकांउट्स का काम संभाल लेती थी लेकिन कुछ दिनों के बाद अदिति को इस काम में भी कुछ खास मन नहीं लगा। ऑफिस में रहने के दौरान अदिति देखती थी कि एक लड़का सभी स्टाफ को चाय देता था। उसे देखकर अदिति को लगा कि वो भी ये काम कर सकती है।
उसने इस बारे में अपने माता-पिता से बात की जिस पर उसके घरवालों ने यह सोचा कि वो अदिति को एक कैफे खोल दें। अदिति की मां रीना वर्मा का इस बारे में कहना है कि अदिति को बचपन से ही खाना बनाने का शौक था। जब भी घर पर कोई आयोजन किया जाता था तो अदिति हमेशा ही खाना बनाने के लिए आगे आती थी। करीब डेढ़ साल पहले हमने कैफे की शुरूआत की जिसका काफी अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है। जिससे अदिति का मनोबल काफी बढ़ गया है। अदिति के पिता अमित वर्मा का कहना है कि हमने कभी अदिति को स्पेशल चाइल्ड समझा ही नहीं।
अदिति के इस कैफे की शुरूआत 1 जनवरी,2016 को हुई और तब से आज तक अदिति अपनी कड़ी मेहनत से इस कैफे को काफी अच्छे से संभाल रही हैं। यह कैफे नवीं मुंबई के बेलापूर भूमि के एक मॉल में अदिति कॉर्नर के नाम से काफी मशहूर है। आने वाले समय में अदिति एक फाइव स्टार होटल खोलना चाहती है। उसका ये भी कहना है कि होटल से जो भी कमाई होगी उसे वो अपने जैसे बच्चों के उपयोग में लाना चाहेगी। फिलहाल अपने इस कैफे में अदिति ग्राहकों को खाना परोसने से लेकर अकांउट संभालने तक का सारा काम खुद ही करती है।