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सूखे पर हरियाणा को फटकार, SC ने कहा, कोई मजाक नहीं चल रहा

Published: Apr 12, 2016 02:05:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा, क्या ये ही तरीका है कि सूखा पड़े
और कोई कोर्ट आए और कोर्ट सूखा घोषित करने का आदेश जारी करे?

supreme court order to Restitution 12 employees

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नई दिल्ली। 12 राज्यों में सूखे के हालात पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फिर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने केन्द्र सरकार की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए। मंगलवार को हरियाणा सरकार ने सूखे को लेकर नया हलफनामा दाखिल किया,जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि आप नया हलफनाम क्यों दाखिल कर रहे हो,इस पर हरियाणा सरकार ने कहा कि पुराने शपथपत्र में कई कमियां थी। इस पर कोर्ट ने कहा, ये कोई शो नहीं चल रहा है। क्या सरकार की ये गंभीरता है? क्या हम बार बार आपके आंकड़ों की जांच करते रहें? हम बार बार हलफनाम स्वीकार नहीं करेंगे। ये कोई मजाक नहीं है। पहले आपने 2013-14 के आंकड़े दिए और अब 2014-15 के आंकड़े दे रहे हैं। गौैरतलब है कि 12 राज्यों में सूखे के हालात को लेकर स्वराज अभियान से जुड़े योगेन्द्र यादव ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी। योगेन्द्र यादव का आरोप है कि केन्द्र सरकार सूखा झेल रहे राज्यों को मनरेगा का पैसा नहीं दे रही है। इससे हालात बिगड़ रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा, क्या ये ही तरीका है कि सूखा पड़े और कोई कोर्ट आए और कोर्ट सूखा घोषित करने का आदेश जारी करे? क्या केन्द्र ये कहना चाहता है कि सूखा घोषित करने का काम राज्य सरकार का है और केन्द्र इसमें दखल नहीं देना चाहता? क्या केन्द्र ने गुजरात,हरियाणा और बिहार को सूखे से संबंधित कोई एडवाइजरी जारी की? हम यहां साफ करना चाहते हैं कि ये मामला एक जनहित याचिका पर सुनवाई का है जिसे विरोधी तरीके से नहीं लेना चाहिए। ना ही हम यह कह रहे हैं कि केन्द्र के पास सारी शक्तियां है और वो सब कुछ कर सकती है।

कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि जब सूखा पड़ता है तो वहां के लोगों को मदद पहुंचाने का क्या तरीका है। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणियां उस वक्त की जब केन्द्र ने कहा कि उसका काम सूखे जैसी स्थिति में राज्यों को फंड समेत अन्य मदद देना है लेकिन सूखा घोषित करना और लोगों तक मदद पहुंचाने का काम राज्यों का है। केन्द्र सरकार सिर्फ एडवायजरी जारी कर सकती है या कुछ हद तक निगरानी रख सकता है। लेकिन कोई राज्य सूखा घोषित करे या ना करे इसमें केन्द्र क्या कर सकता है? लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोई आदेश जारी करे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या ये गंभीरता है जो आप इस मुद्दे पर दिखा रहे हो। हम बात कर रहे हैं उन लोगों की जो सूखे की वजह से जान गवां रहे हैं। हम हरियाणा में पिकनिक या रोडवेज में सवारी की बात नहीं कर रहे हैं।

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