दरअसल पुणे के राजेंद्र पंचल जब एक साल के थे तब वो मुंह के बल गिर गए थे। अकस्मात इस तरह गिरने से राजेंद्र जी का जबड़ा टूट गया था। राजेंद्र के माता-पिता उस समय आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि वो अपने बेटे का ऑपरेशन करा सकें। करीब 39 सालों के बाद राजेंद्र का ऑपरेशन किया गया और डॉक्टरों को इस ऑपरेशन में सफलता मिली।
डॉक्टर्स का राजेंद्र के बारे में कहना है कि इतने सालों से राजेंद्र को जीवित रहने के लिए लिक्विड डायट का सहारा लेना पड़ा क्योंकि उसका मुंह 1.5 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं खुलता था। ऑपरेशन के बाद राजेंद्र का मुंह अब 4.5 सेंटीमीटर तक खुल सकता है। वो अब एक सामान्य इंसान की तरह खाना खा सकता और बातें भी कर सकता है, लेकिन राजेंद्र को अभी कुछ महीनों तक फिजियोथेरेपी करवाना पड़ेगा नहीं तो उन्हें फिर से परेशानी हो सकती है।
राजेंद्र इस ऑपरेशन के बाद काफी खुश है और उनका कहना है कि मैं अब एक सामान्य इंसान की भांति खाना खा सकता हूं और बात भी कर सकता हूं। हमारे पास पैसों की कमी के चलते पहले हम ऑपरेशन नहीं करा सकें। लोग मेरी इस कमीं के चलते हमेशा मजाक उड़ाते थे लेकिन अब सब ठीक हो गया है।