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अबकी बार, नहीं बनेगी ट्रंप सरकार: जीएसए ने बाइडन को विजेता के तौर पर किया स्वीकार

Highlights.
– ट्रंप ने ट्वीट कर कहा- सत्ता हस्तांतरण की निगरानी करने वाली जीएसए को वो चीजें करनी चाहिए, जो ज़रूरी हैं
– ट्रंप ने मान लिया कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता सौंपने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए
– जीएसए ने बाइडन को विजेता के तौर पर स्वीकार किया, जीएसए का पत्र मिशिगन में बाइडन की जीत की पुष्टि के बाद आया

Nov 25, 2020 / 10:16 am

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
अमरीका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार हार मानने के बेहद करीब पहुंच गए हैं। ट्रंप ने मान लिया है कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता सौंपने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि सत्ता हस्तांतरण की निगरानी करने वाली अहम फेडरल एजेंसी जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन (जीएसए) को वो ‘चीजें करनी चाहिए, जो ज़रूरी हैं’।
हालांकि, उन्होंने अब भी अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है। दूसरी तरफ, जीएसए ने बाइडन को विजेता के तौर पर स्वीकार कर लिया है। जीएसए का पत्र मिशिगन में बाइडन की जीत की पुष्टि के बाद आया। यहां बाइडन ने ट्रंप को एक लाख 55 हज़ार वोट के अंतर से हराया। इस पुष्टि से ट्रंप के उस अभियान को गहरा झटका लगा था जिसमें वो अमरीका के चुनावी नतीजों को चुनौती दे रहे हैं। उधर, बाइडन के समर्थकों ने सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होने का स्वागत किया है। बाइडन अब 20 जनवरी को शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि ट्रंप की टीम का अब भी कहना है कि वो मिशिगन के चुनावी नतीजों को चुनौती देंगे।
ट्रंप ने क्या कहा?

अमरीका में सत्ता हस्तांतरण की जिम्मेदारी जीएसए की होती है और इसे लेकर ही ट्रंप ने ट्वीट किया है। ट्रंप के ट्वीट से साफ है कि उन्होंने जीएसए से कहा है कि वो बाइडन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। ट्रंप ने लिखा है कि उन्होंने जीएसए की एडमिनिस्ट्रेटर एमिली मर्फी से कहा है कि उनकी टीम देश हित में शुरुआती औपचारिकताओं के लिए जो हो सकता है करे। ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने अपनी टीम से भी ऐसा ही कहा है।
धमकियां मिलीं, डराया गया: एमिली

ट्रंप के द्वारा ही नियुक्त एमिली ने कहा है कि उनके ऊपर वाइट हाउस से टाइमिंग और फ़ैसले को लेकर कोई दबाव नहीं था। बाइडन को भेजे पत्र में एमिली ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मुझे पूरी प्रक्रिया में देरी करने के लिए कोई निर्देश नहीं मिला था। हालांकि मुझे ऑनलाइन धमकियां मिलीं, फ़ोन से और मेल के जरिए मुझे डराया गया। मेरे स्टाफ को भी धमकी मिली। चाहे मुझे जितनी धमकियां सहनी पड़तीं मैं क़ानून के बाहर नहीं जाती।
बाइडन की टीम ने किया स्वागत

बाइडन की टीम ने इस पत्र के जवाब में कहा है कि इस फ़ैसले की ज़रूरत थी ताकि देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उनसे निपटा जा सके। कोरोना महामारी नियंत्रण से बाहर है और अर्थव्यवस्था भी पटरी से नीचे उतर गई है। इस फैसले से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
मिल सकेंगी इंटेलिजेंस सूचनाएं

अब बाइड़ेन और उनकी टीम को हर जरूरी जानकारी मिल सकेगी। ट्रंप की टीम इसमें पहले की तरह बाधा नहीं बनेगी। इसके ये मायने भी हुए कि इंटेलिजेंस एजेंसीज के चीफ बाइडेन को संवेदनशील मामलों पर सीधी जानकारी दे सकेंगे। पहले इसे रोका जा रहा था। वाइट हाउस के अफसर बाइडेन टीम से मिल सकेंगे। वहीं, अब बाइडन की टीम एजेंसियों के ऑफिस स्पेस का इस्तेमाल कर सकती है, ताकि वाइट हाउस में स्टाफ की नियुक्ति और कैबिनेट का गठन किया जा सके।
अपनी पार्टी से ही ट्रंप पर दबाव

ट्रंप पर हार स्वीकार करने के लिए अपनी ही रिपब्लिकन पार्टी से दबाव बढ़ता जा रहा है। टेनेसी के सीनेटर लैमर एलेक्जेंडर ने बयान जारी कर कहा कि ट्रंप को पहले देश के बारे में सोचना चाहिए और बाइडन को सत्ता सौंपने में मदद करनी चाहिए। वहीं, वेस्ट वर्जीनिया की सीनेटर शेली मूरे ने भी कहा कि अब 2020 के चुनाव का अंत होना चाहिए। इसके अलावा ओहायो के सीनेटर ने भी ट्रंप से इसी तरह की अपील की थी।

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