विपक्षी दलों ने की निंदा
आतंकियों की धमकी की जम्मू-कश्मीर में विपक्षी राजनीतिक दलों ने निंदा की है। विपक्षी राजनीतिक दलों ने महबूबा मुफ्ती सरकार से 15 फरवरी से होने पंचायत चुनावों को लेकर सुरक्षा संबंधी सभी उचित कदम उठाए जाने का आग्रह किया है जिससे राज्य की जनता चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग ले सके।
आतंकियों ने जारी किया ऑडियो क्लिप
बता दें कि एक अज्ञात व्यक्ति ने ऑडियो क्लिप जारी कर धमकी दी है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि यह शख्स हिजबुल का अभियान कमांडर रियाज नाइकू हो सकता है। यह धमकी फेसबुक और व्हाट्सऐप समेत कई सोशल मीडिया साइट पर सुनी जा रही है।
‘बुलेट की अपेक्षा बैलेट’ को प्राथमिकता
गत 26 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य में काफी समय से लंबित पंचायत चुनावों की प्रक्रिया 15 फरवरी 2018 से शुरू कराने की घोषणा की थी। मुफ्ती ने इन चुनावों को लेकर उम्मीद जतायी थी कि राज्य के लोग इस बार भी ‘बुलेट की अपेक्षा बैलेट’ को प्राथमिकता देंगे।
2016 में नहीं हो सका चुनाव
पंचायत चुनाव 2016 में होने थे लेकिन आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे जाने के बाद राज्य में फैली अशांति के कारण इन्हें बार-बार टाला जा रहा था।
2011 में 37 साल बाद पंचायत चुनाव
गौरतलब है कि पिछली बार 2011 में 37 वर्षों के अंतराल के बाद पंचायत चुनाव हुए थे। उस दौरान राज्य में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी। उस समय राज्य में 4,098 सरपंच और 29,402 पंच थे, लेकिन राज्य में 280 नयी पंचायतों के जुडऩे के बाद सरपंचों की संख्या बढ़कर 4,738 हो गयी है। इसी प्रकार 4000 नए पंचायत खंडों के जुड़ने के बाद पंचों की संख्या 33,402 हो गयी है।