अंतड़ियों और किडनी के नजदीक से गुजरा था रॉड इलाज के लिए राजमित्री कई अस्पताल में भटके,मगर कई ने इलाज करने से मना दिया। उनकी दयनीय हालत को देखकर डाक्टरों इस केस को दूसरे अस्पतालों में रेफर दिया। पहले उसे घुटियारी शरीफ अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने असमर्थता जताते हुए उसे बारुईपुर अस्पताल रेफर कर दिया। अंत में उसे कोलकाता के चितरंजन अस्पताल लाया गया। यहां पर अस्पताल में सात डॉक्टरों की एक मेडिकल टीम गठित की गई। पता चला कि तीन रॉड में से एक रॉड उसकी अंतडि़यों में जा के फंसा है। जबकि दूसरा लीवर के नीचे और तीसरे किडनी के बहुत नजदीक से गुजरा है। ऐसे में मरीज हालात समय के साथ खराब हो रही थी। मरीज के बहुत कम चांस से बचने के।
पीडब्लूडी के इंजीनियरों की मदद ली इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर सरिया बाहर निकालने का फैसला किया। सबसे पहले शरीर में घुसे सरिये के आकार को छोटा करने का फैसला लिया गया। इसके लिए डॉक्टरों ने पीडब्लूडी के इंजीनियरों की मदद ली। रॉड छोटा होने के बाद अंतत: डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक उसे बाहर निकाल दिया। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है। उसे चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।