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सुप्रीम कोर्ट: दहेज उत्‍पीड़न सहित तीन अहम मसलों पर आज आ सकता है फैसला

Published: Sep 14, 2018 10:40:06 am

Submitted by:

Dhirendra

दहेज उत्‍पीड़न के प्रभाव को कम करने के मामले में शीर्ष अदालत को 2017 में दिए गए अपने ही फैसले पर पुनर्विचार करना है।

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सुप्रीम कोर्ट का दहेज उत्‍पीड़न सहित तीन अहम मसलों पर आज आ सकता है फैसला

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट आज तीन अहम मसलों पर फैसला सुना सकता है। इनमें कुष्‍ठ रोग के आधार पर तलाक देने, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण को जासूसी का आरोप में गलत तरीके से गिरफ्तार करने और दहेज उत्पीड़न का मामला शामिल है। तीनों मसलों पर आज सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई होनी है। इनमें से सबसे महत्‍वपूर्ण मुददा दहेज उत्‍पीड़न कानून की धारा 498ए के प्रभाव को कम करने से जुड़ा है। इस मसले पर शीर्ष अदालत को सुप्रीम कोर्ट के 2017 के दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करना है।
जांच पुलिस की जिम्‍मेदारी न कि एफडब्‍लूसी की
दहेज उत्‍पीड़न मामले को लेकर हुई अप्रैल में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीश की बेंच ने एमीकस क्यूरी और तत्कालीन वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा के बहस को सुना था। अब इंदू मल्‍होत्रा सुप्रीम कोर्ट में न्‍यायाधीश हैं। तत्‍कालीन वरिष्‍ठ वकील इंदू मल्‍होत्रा ने अपना पक्ष रखते कहा था कि दहेज उत्‍पीड़न के मामले में अपराध की जांच पुलिस की जिम्‍मेदारी है न कि परिवार कल्याण समिति (एफडब्‍लूसी) की। उनके इन तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने अप्रैल में इस बारे में निर्णय को सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि पिछले साल इसी मामले में एके गोयल और यूयू ललित के एक अन्‍य बेंच ने आरोपी की तत्‍काल गिरफ्तारी पर रोग लगा दिया था और तत्‍काल जमानत देने की अनुमति दे दी थी।
इसरो जासूसी प्रकरण
शीर्ष अदालत की एक अन्‍य बेंच पूर्व इसरों वैज्ञानिक नंबी नारायण की याचिका पर भी आज फैसला सुना सकती है। याचिका के जरिए उन्‍होंने केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसरो वैज्ञानिक ने जासूसी के मामले में केरल हाईकोर्ट के अदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्‍होंने एससी में याचिका दायर कहा था कि पूर्व डीजीपी और दो सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक केके जोशुआ और एस विजयन आरोप से मुक्‍त करना गलत था। क्‍योंकि केरल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इन आरोपियों को जासूसी के आरोप में इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायण को गलत आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया था।
कुष्‍ठ रोग के आधार पर तलाक
सुप्रीम कोर्ट की एक अन्‍य बेंच आज कुष्‍ठ रोग के आधार पर तलाक देने के मामले में भी फैसला आ सकता है। इस मामले में शीर्ष अदालत भेदभाव के आधार पर तलाक को रोकने के लिए राज्‍य सरकारों को कानून बनाने का आदेश सकती है। साथ ही कुष्‍ठ रोग के आधार पर तलाक और भेदभाव को रोकने के लिए अन्‍य जरूरी कदम उठाने के लिए कह सकती है।
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