2014 में दिल्ली की सत्ता पर मोदी सरकार का काबिज हुई। 26 मई 2014 को पीएम मोदी के साथ गोपीनाथ मुंडे ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के तौर पर शपथ ली। महाराष्ट्र के कद्दावर नेता में शुमार रहे गोपीनाथ मुंडे सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद बाद इस दुनिया को अलविदा कह गए। 03 जून 2014 को उनका सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोपीनाथ मुंडे की कार सुबह करीब साढ़े छह बजे हवाई अड्डे जाते हुए हादसे का शिकार हो गई। गोपीनाथ मुंडे कार की पिछली सीट पर बैठे थे और उनकी कार को पीछे से एक वाहन ने टक्कर मारी। स्तब्ध कर देने वाली खबर से सभी सकते में थे। गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के बड़े नेता थे, वह शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री भी रहे। साथ ही मुंडे 15वीं लोकसभा में विपक्ष के उपनेता भी थे। उनके परिवार में तीन पुत्रियां पंकजा पालवे, डॉक्टर प्रीमत मते और यशश्री मुंडे हैं। गोपीनाथ मुंडे भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के बहनोई थे।
मोदी सरकार में अनिव माधव दवे ऐसे दूसरे कंद्रीय मंत्री रहे जिनका सरकार में मंत्री रहते हुआ देहांत हो गया। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे अनिल माधव दवे 18 मई 2017 को 61 साल की उम्र में स्वर्गवासी हो गए थे। अनिल माधव दवे को मुख्य तौर पर पर्यावरण के लिए किए गए उनके कामों को लेकर जाना जाता है। दवे एक पर्यावरणविद , नदी संरक्षक, लेखक, सांसद और गैर पेशेवर पायलट थे। दिल का दौरा उनके निधन का कारण बना। अनिल माधव दवे के निधन के छह महीने बाद उनकी अचानक हुई मौत को लेकर सवाल भी उठे। दवे के एक मित्र ने उनकी मौत की जांच कराने की मांग की है और इसके लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका भी दाखिल की।
अनंत कुमार तीसरे ऐसे मंत्री हैं जो केंद्र में मंत्री थे। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार कैंसर से पीड़ित थे और पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। उन्होंने 59 साल की उम्र में बेंगलुरु में अंतिम सांस ली। अनंत कुमार कर्नाटक के बेंगलुरु साउथ से सांसद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अनंत कुमार के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा अनंत कुमार ने कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करने के लिए काफी काम किया। उनकी प्रयास से पार्टी को काफी मजबूती मिली।