कई लोगों के लापता होने की आशंका
विशेष राहत अधिकारी ने कहा कि ‘गजपति जिले के रायगडा ब्लॉक के तहत बरघारा गांव में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण 13 लोगों के मरने की खबर है।’ उन्होंने बताया कि चार लोग लापता भी हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है। अधिकारी ने बताया कि प्रभावित जिलों में राहत और बचाव का काम चल रहा है। गोपालपुर के दक्षिण-पश्चिम में बृहस्पतिवार को चक्रवात के कारण भूस्खलन हुआ था। इसमें किसी की मौत की खबर नहीं है।
आंध्रप्रदेश में मचाई तबाही तितली
तूफान ने आंध्रप्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही मचाई। यहां अब तक 9 लोगों ने तूफान के चलते अपनी जान गवाई है। जबकि तूफान के चलते ट्रेन, बस और हवाई सेवा काफी प्रभावित हुईं। करीब 16 ट्रेनें इस तूफान के चलते रद्द करनी पड़ीं जबकि कई ट्रेनों के समय और रूट में बदलाव किया गया।
तूफान का तितली नाम क्यों ?
आखिर इस तूफान का नाम तितली क्यों पड़ा? क्यों तूफानों के नाम अजीब से होते हैं? सबसे पहले बात करते हैं तितली की तो इस तूफान का संबंध पाकिस्तान से है। पाकिस्तान ने ही इस तूफान को तितली नाम दिया। बता दें कि हिंद महासागर के आठ देशों ने वर्ष 2004 में भारत की पहल के बाद तूफानों के नामकरण का सिलसिला शुरू किया था। हिंद महासागर के इन आठ देशों में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, थाईलैंड और ओमान शामिल हैं।
रियाटर कर दिए जाते हैं नाम
अब अगर बात करें हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवाती तूफानों की, तो इनके नाम भारतीय मौसम विभाग रखता है। बता दें चक्रवाती तूफान तब बनते हैं जब हवा की रफ्तार 63 किलोमीटर प्रतिघंटा या इससे ज्यादा हो और कुछ देर के लिए बनी रहे। इन तूफानों का नाम रखने के लिए आठ सूची हैं और इनका इस्तेमाल क्रमानुसार किया जाता है। यह नाम कुछ वर्षों बाद फिर से भी इस्तेमाल कर लिए जाते हैं जबकि कई नाम रिटायर भी कर दिए जाते हैं।