वैज्ञानिकों का दावाः हम सब एक ही माता-पिता की संतान, आदम और हौवा का था अस्तित्व इसरो ने जानकारी दी है कि पीएसएलवी-सी 43, ISRO की 45वीं उड़ान है। HysIS इस मिशन का प्राथमिक सैटेलाइट है। इस का पहला मकसद है जमीन की सतह के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पैक्ट्रम में इंफ्रारेड और शॉर्ट वेव इंफ्रारेड क्षेत्रों का अध्ययन करना है। इसरो ने कहा कि यह सैटेलाइट सूर्य की कक्षा में 97.957 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित किया जाएगा।
23 सैटेलाइट अमरीका की
आज जिन 8 देशों के 30 सैटेलाइट्स भेजे जा रहे हैं, उनमें 23 सैटेलाइट अमरीका की जबकि आस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन की एक-एक सैटेलाइट शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इस माह यह इसरो का दूसरा लॉन्च है। इससे पहले 14 नवंबर को एजेंसी ने अपना हालिया संचार सैटेलाइट जीसैट-29 छोड़ा था।
आज जिन 8 देशों के 30 सैटेलाइट्स भेजे जा रहे हैं, उनमें 23 सैटेलाइट अमरीका की जबकि आस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन की एक-एक सैटेलाइट शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इस माह यह इसरो का दूसरा लॉन्च है। इससे पहले 14 नवंबर को एजेंसी ने अपना हालिया संचार सैटेलाइट जीसैट-29 छोड़ा था।
ISRO का तीसरा सबसे लंबा मिशन
यह इसरो का तीसरा सबसे लंबा मिशन बताया जा रहा है। मिशन 113 मिनट में समाप्त होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रॉकेट के चौथे चरण के इंजन को पुन: आरंभ कर उपग्रहों को दो कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। PSLV-C43 के प्रक्षेपण होने के बाद करीब 17 मिनट के बाद सबसे पहले पोलर सन सिंक्रोनस कक्षा में एचवीआईएसआईएस को उतारेगा। इसके पश्चात, प्रक्षेपण के एक घंटे बाद दो इंजन दोबारा शुरू होंगे और फिर 47 मिनट के बाद सभी उपग्रहों को निचली कक्षा में रखेंगे जाएंगे।
यह इसरो का तीसरा सबसे लंबा मिशन बताया जा रहा है। मिशन 113 मिनट में समाप्त होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रॉकेट के चौथे चरण के इंजन को पुन: आरंभ कर उपग्रहों को दो कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। PSLV-C43 के प्रक्षेपण होने के बाद करीब 17 मिनट के बाद सबसे पहले पोलर सन सिंक्रोनस कक्षा में एचवीआईएसआईएस को उतारेगा। इसके पश्चात, प्रक्षेपण के एक घंटे बाद दो इंजन दोबारा शुरू होंगे और फिर 47 मिनट के बाद सभी उपग्रहों को निचली कक्षा में रखेंगे जाएंगे।