नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु अपना दूसरा रेल बजट पेश कर रहे हैं। बजट पेश करते समय उन्होंने कहा कि यह चुनौती भरा समय है, अर्थव्यवस्था में मंदी है।
किराया बढ़ने के आसार कम हैं, लेकिन उनके सामने घटती आमदनी और बढ़ती उम्मीदों के बीच बेहतर बजट पेश करने की चुनौती होगी। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस बार वह यात्रियों को कौन-सा नया तोहफा दे रहे हैं। रेल बजट पेश करने से एक दिन पहले रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेल बजट सबके लिए संतोषजनक होगा।
सूत्रों की मानें तो इस बार के रेल बजट में रेल किराया बढ़ने के आसार कम हैं, लेकिन विज्ञापन और खाली पड़ी रेलवे की ज़मीन का व्यावसायिक इस्तेमाल कर अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए एक अलग निदेशालय बनाने का भी प्रस्ताव रखा जा सकता है।
रेल का किराया तो नहीं बढ़ाया जाएगा लेकिन आय के नए तरीके खोजे जाएंगे। जैसे कि
-किराए की जगह सरचार्ज में बढ़ोतरी करना।
-ट्रेनों की दूरी को बढाना। नए डब्बे जोड़ना।
-जेनेरल की बोगियों की संख्या को बढ़ाना।
-कैंसिलेशन और फ़ैसिलिटीज के लिए एक्स्ट्रा पेमेंट करना।
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