इसी बीच अचानक से इंजन अपने आप चलने लगा, जिसे देख वो हैरान रह गया। इस बीच उसने अपने अधिकारियों को सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे अधिकारियों ने तुरंत आगे की पटरियों को खाली करवाया और उस रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया। इसके बाद वाडी स्टेशन मास्टर जेएन पॅरिस और ड्राइवर ने बाइक से इंजन का पीछा करना शुरू किया। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक करीब 3 बजकर 50 मिनट पर इंजन की रफ्तार धीमी हो गई। इस फायदा उठाते ही ड्राइवर इंचन पर चढ़ गया और इंजन को रोक लिया।
तकनीकी खराबी को बताई जा रही वजह
मामले में स्टेशन मास्टर जेएन परिस ने कहा कि तकनीकी खराबी के कारण इंजन खुद ही आगे बढ़ गया। अगर समय पर इंजन को नहीं रोका जाता तो बड़ी दुर्घटना घट सकती थी। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मामले में स्टेशन मास्टर जेएन परिस ने कहा कि तकनीकी खराबी के कारण इंजन खुद ही आगे बढ़ गया। अगर समय पर इंजन को नहीं रोका जाता तो बड़ी दुर्घटना घट सकती थी। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
जोधपुर में गुम हुई थी ट्रेन की चाबी
वहीं दूसरी ओर 4 नवंबर को जोधपुर से हिसार जाने वाली डेमू ट्रेन की शुक्रवार को चाबी गुम हो गई थी। ट्रेन के ड्राइवर ने अन्य रेलवे के कर्मचारियों से पूछताछ की, लेकिन चाबी कहीं नहीं मिली। बात में पता चलते ही कई रेलकर्मी इधर-उधर चाबी ढूंढने में लग गए। उधर यात्री परेशान होते रहे। घंटे भर बाद चाबी मिलने पर ड्राइवर ने राहत की सांस ली और ट्रेन रवाना की।
वहीं दूसरी ओर 4 नवंबर को जोधपुर से हिसार जाने वाली डेमू ट्रेन की शुक्रवार को चाबी गुम हो गई थी। ट्रेन के ड्राइवर ने अन्य रेलवे के कर्मचारियों से पूछताछ की, लेकिन चाबी कहीं नहीं मिली। बात में पता चलते ही कई रेलकर्मी इधर-उधर चाबी ढूंढने में लग गए। उधर यात्री परेशान होते रहे। घंटे भर बाद चाबी मिलने पर ड्राइवर ने राहत की सांस ली और ट्रेन रवाना की।