सेमी बुलेट ट्रेनों के बाद 600 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना पर रेलवे काम कर रहा है। इसके लिए एप्पल जैसी कई विदेशी कंपनियों की मदद ली जा रही है।
नई दिल्ली। भारतीय रेल ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। अब सेमी बुलेट ट्रेनों के बाद 600 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना पर रेलवे काम कर रहा है। इसके लिए एप्पल जैसी कई विदेशी कंपनियों की मदद ली जा रही है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली-मुंबई और दिल्ली कोलकाता जैसे महत्वपूर्ण रुटों पर गतिमान एक्सप्रेस की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे ने 1800 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। इससे गतिमान एक्सप्रेस की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो जाएगी।
सुरक्षा का विशेष ध्यान दे रहा रेलवे
उन्होंने हाईस्पीड ट्रेनों पर बोलते हुए कहा कि कुछ महीने पहले रेलवे ने ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए कई विदेशी कंपनियों को आमंत्रित किया था। उनकी मदद से 600 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाई जाएंगी। इससे समय की बचत होगी और जिस सफर में 12-13 घंटे लगते थे, उसमें मजह एक-दो घंटे लगेंगे। वहीं ट्रेन दुर्घटनाओं और सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ऐसे डिब्बो को बनाने वाली है जो आसानी से ट्रेन में गड़बड़ियों का पता लगा सकें। इसका मकसद यात्रा को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित बनाना है।
कैग ने कहा, रेलवे का खाना खाने लायक नहीं
वहीं दूसरी ओर नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) ने रेल यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्टेशनों और ट्रेनों में परोसे जाने वाला खाना खाने योग्य नहीं है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खराब खाने के लिए रेलवे की कैटरिंग नीति जिम्मेदार है। शुक्रवार को संसद में पेश हुई कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे में खाना बनाने में साफ सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जाता है जिसके कारण बेस किचन व पेंट्रीकार में गंदगी रहती है और कॉकरोच-चूहे घूमते हैं।