एनएचएआई के एक अधिकारी के मुताबिक नए प्रावधान के तहत हाईवे किनारे रहने वाले लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। स्थानीय लोगों को इस अभियान से जोड़ने के पीछे प्रमुख कारण यह है कि वृक्षारोपड़ और सौन्दर्यीकरण के काम में तेजी आएगी और किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। इसके लिए स्थानीय संस्थाओं, ठेकेदारों की सूची भी तैयार की जा रही है जिनके माध्यम से कार्य पूरा किया जा सके।
इस कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जैसे संगठन से भी मदद ली जाएगी। कोई भी ठेकेदार या संस्थान बिना कार्य किए भुगतान नहीं ले सकेगा। इसके लिए यह प्रावधान किए गए हैं कि जब तक पौधा बड़ा न हो जाए तब तक भुगतान न किया जाए।