इसमें कुछ परेशानियां बुखार और दर्द जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं कुछ टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम या एनाफिलेक्टिक शॉक की तरह गंभीर भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की परेशानियां ‘कोवैक्सीन’ लगने के बाद भी शुरू हो सकती है। इसके लिए हमें तैयार रहने की आवश्यकता है।
जहां वैक्सीन दी जानी है, वहां व्यवस्था की जा रही है। सरकार के दिशा-निर्देशों में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी स्थान पर सरकारी सुविधाएं अच्छी नहीं हैं,तो प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम किया जा सकता है।