दरअसल कई बार लोग कम शब्द होने के कारण अपनी बात पूरी तरह से नहीं रख पाते थे। कई लोगों को शॉर्ट फॉर्म यूज करना पड़ते थे। इससे अर्थ का अनर्थ होने की आशंका बनी रहती है। हिन्दी में ट्वीट करना बेहद मुश्किल था क्योंकि इसमें तो शॉर्ट फॉर्म भी नहीं होते। यही हालात जापानी भाषा के साथ थे। लाखों लोग ट्वीटर से शब्द सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इससे पहले भी शब्द सीमा बढ़ाने पर ट्वीटर विचार कर चुका है कि लेकिन यह विचार कभी मूर्त रूप नहीं ले पाया। इस बार लगता है कि शब्द सीमा बढ़ सकती है। ट्वीटर वह कंपनी है जिसने कभी अपना लाभ लोगों के सामने जाहिर नहीं किया।