
नई दिल्ली।
कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के संकट के अंधकार को मिटाने के लिए रविवार को प्रकाश पर्व मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने देशवासियों में एकजुटता का भाव लाने के लिए 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट ( 9 baje 9 Minutes ) के लिए घर की लाइटें बंद कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल फ्लैश जलाने की अपील की थी। पीएम मोदी ( pm modi ) के ऐलान के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि एक साथ सभी घरों की लाइटें बंद होगी तो बिजली ग्रिड ( Electricity Power Grid ) फेल होने का खतरा रहेगा, लेकिन ऐसी अफवाहों को बिजली का जोरदार झटका लगा है। देशभर में 9 मिनट तक घरों में बल्ब और ट्यूबलाइट बंद होने से बिजली ग्रिड पर कोई असर नहीं पड़ा। इसके लिए सरकार और बिजली विभाग पहले से ही तैयार थे।
ऊर्जा मंत्री खुद कर रहे थे निगरानी
बता दें कि प्रकाश पर्व के दौरान खुद ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह मॉनिटरिंग सेंटर पर उपस्थित थे। वे लगातार 9 मिनट तक हालातों पर नजर बनाए हुए थे। उन्होंने कहा कि कुछ मिनटों के लिए बिजली की मांग में 32000 मेगावॉट की कमी आई थी। रात 8 बजकर 49 मिनट 117300 मेगावॉट से घटकर बिजली की मांग 9 बजकर 9 मिनट तक 85300 मेगावॉट रह गई थी। इसी दौरान फ्रीक्वेंसी को 49.7 से to 50. 26 Hz को स्थित रखा गया। ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने कहा, बिजली आपूर्ति में कमी और बढ़ोतरी का काम सुचारू रूप से चला। इसके लिए पहले से ही तैयारी की गई थी। मैं और मेरे वरिष्ट साथी नेश्नल मॉनिटरिंग सेंटर से खुद नजर बनाए हुए थे। उन्होंने सभी इंजीनियरों को स्थिति से निपटने के लिए बधाई दी।
ग्रिड फेल होने की थी आशंकाएं
इससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि पीएम मोदी की अपील पर सभी देशवासी एक साथ 9 मिनट के लिए घरों की लाइटें बंद करेंगे तो इसका असर बिजली ग्रिड पर पड़ेगा। दावा किया जा रहा था कि इस परिस्थिति में बिजली ग्रिड फेल हो सकता है और देश में बिजली व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। हालांकि, मंत्रालय ने पहले ही ऐसी अटकलों को निराधार बताया था।
Updated on:
06 Apr 2020 10:32 am
Published on:
06 Apr 2020 10:30 am
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