मंगलवार को राजधानी में उपद्रव और हिंसा के बाद दो किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन से खुद को हटाने की घोषणा कर दी है। (Two farmers’ organizations withdrew from the movement) इनमें राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने गाजीपुर और नोएडा बॉर्डर से अपना प्रदर्शन वापस ले लिया है। इतना ही नहीं इन संगठनों ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता महेंद्र सिंह टिकैत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं (serious allegations against Tikait)। किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने कहा कि हम देश को बदनाम नहीं करना चाहते हैं। वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत ने एक भी मीटिंग में गन्ना किसानों की मांग नहीं उठाई। वहीं, बीकेयू (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ भी कल हुआ, उससे मैं काफी आहत हूं और हम अपना 58 दिन पुराना आंदोलन खत्म कर रहे हैं।
उधर हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर सहित 22 लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में लिया है। हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।