इसी के तहत हैदराबाद की सड़कों से सैकड़ों भिखारियों को हटाकर उन्हें रिहैबिलिटेशन सेंटर भेजा जा रहा है। इनमें पुरुष और महिला दोनों तरह के भिखारी शामिल हैं। प्रशासन की इस मुहिम का असर भी नजर आ रहा है और फिलहाल शहर में भिखारी कम नजर आ रहे हैं। हालांकि इस कार्यवाई के दौरान स्थानीय पुलिस एक गलती भी कर बैठी। दरअसल पुलिस जब शहर की सड़कों से भिखारियों को हटा रही थी तब वो दो ऐसी महिलाओं को भिखारी समझकर ले आई, जो सिर्फ पढ़ी-लिखी ही नहीं बल्कि करोड़ों की प्रॉपर्टी की मालिक भी हैं।
ये दोनों महिलाएं अमीर घरानों से ताल्लुकात रखती हैं। इस दोनों की फर्राटेदार अंग्रेजी सुन वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मी हैरान रह गए। मामला 11 नवंबर का है जब पुलिस द्वारा 133 महिला भिखारियों को चेरालापल्ली जेल के आनंद आश्रम लाया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब उन्होंने भिखारियों के फैमिली के बारे में पूछताछ की तब उन महिलाओं में से 2 महिलाओं ने फर्राटेदार अंग्रेजी में जबाब देना शुरू कर दिया। जिसे देखकर सभी हैरान रह गए।
पुलिस के अनुसार एक महिला का नाम फर्जोना है जोकि बिज़नस स्टडीज में परास्नातक हैं और लंदन में बतौर अकाउंटेंट काम भी कर चुकी हैं। फर्जोना हाल ही में हैदराबाद आईं थीं लेकिन उनकी मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी इसलिए वो एक बाबा के कहने पर एक दरगाह के सामने भीख मांग रही थीं। फर्जोना का कहना था कि उनका बेटा अमरीका में आर्किटेक्ट है और उनका हैदराबाद के पॉश इलाके आनंदबाग़ में अपार्टमेंट है। इसके बाद पुलिस ने उसके बेटे से संपर्क किया तो बेटा भी अपनी मां की तलाश में भारत आया हुआ था। पुलिस ने कागजी कार्यवाई कर महिला को उसके बेटे को सौंप दिया है।
वहीं दूसरी महिला का नाम राबिया बसीरा बताया जा रहा है जोकि हैदराबाद के ही पॉश इलाके डिफेन्स कॉलोनी की रहने वाली हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक राबिया का कहना है कि वह ग्रीन कार्ड होल्डर हैं और हैदराबाद में उसकी अच्छी-खासी प्रॉपर्टी है। लेकिन उनके भाइयों ने धोखे से उन्हें उसे तमाम प्रॉपर्टी से बेदखल कर दिया। इसलिए वो अपनी लड़ाई लड़ते लड़ते अपना मानसिक संतुलन खो बैठी। वो यहां मन की शान्ति के लिए भीख मांग रही थी। पूरी जानकारी और कागजी कार्यवाई के बाद राबिया नाम की इस महिला को भी उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।