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पंजाब: मौत पर फतह नहीं पा सका दो साल का फतेहवीर, 109 घंटे बाद बोरवेल से निकला था बाहर

locationनई दिल्लीPublished: Jun 11, 2019 02:26:48 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

गुरुवार को खेलते हुए 125 फीट गहरे बोरवेल में गिरा था फतेहवीर
सुबह 5:12 बजे फतेहवीर को बाहर निकाला गया
10 जून को दो साल का हुआ था फतेहवीर

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पंजाब: मौत पर फतह नहीं पा सका तीन साल का फतेहवीर, 109 घंटे बाद बोरवेल से निकला था बाहर

नई दिल्ली। करीब 109 घंटे से पंजाब के संगरूर में 125 फीट गहरे बोरवेल में फंसे दो वर्षीय मासूम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया । लेकिन, हॉस्पिटल में मासूम फतेहवीर सिंह जिदंगी से जंग हार गया और उसकी मौत हो गई।
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वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति से लड़ने के लिए वाहेगुरु पीड़ित परिवार को ताकत दें।
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109 घंटे बाद बाहर निकला था फतेहवीर

जानकारी के मुताबिक, फतेहवीर को गहरे बोरवेल से बाहर निकालने के लिए पुलिस द्वारा पिछले 109 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था। मंगलवार सुबह 5:12 बजे रेस्क्यू टीम फतेहवीर सिंह को बाहर निकालने में कामयाब तो हो गई, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गया।
बताया जा रहा है कि फतेहवीर के शरीर में सूजन थी और उसे आनन-फानन में बठिंडा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। फतेहवीर को बोरवेल के समानांतर खोदी गई टनल की मदद से बाहर निकाला गया था।
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खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था फतेहवीर

गुरुवार शाम करीब चार बचे फतेहवीर खेलते समय बोरवेल में गिर गया था। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने एनडीआरएफ को सूचित। सूचना मिलते ही NDRF की टीम मौके पर पहुंच गई।
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IMAGE CREDIT: fatheh
गुरुवार से बचाव कार्य में लगी थी NDRF की टीम

गुरुवार से ही NDRF की टीम फतेहवीर को निकालने की कोशिश कर रही थी। बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ा दी गई थी और उस पर नजर रखने के लिए एक कैमरा भी लगाया गया था।
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बचाव कार्य में 26 लोग जुटे थे

बचाव कार्य में 26 लोग जुटे थे। बचाव दल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 26 सदस्य थे। घटनास्थल पर चौबीसों घंटे डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस तैनात थी। घटना के लगभग 40 घंटे बाद शनिवार सुबह पांच बजे उसके शरीर में हलचल देखी गई। बच्चा 10 जून को दो साल का हो गया था।
वहीं, फतेहवीर सिंह के माता और परिवार के सदस्यों ने ख्वाजा पीर के दर पर माथा टेका था और उसके सुरक्षित बाहर आने की दुआ मांगी थी। गौरतलब है कि इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है। हरियाणा और बिहार में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।
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