‘स्कूल में कैंप लगाकर बनवाएं आधार कार्ड’
आधार अथॉरिटी ने निर्देश में यह भी कहा गया है स्कूलों को छात्र-छात्राओं के आधार पंजीकरण और अपडेट कराने की सुविधा देनी होगी। यूआईडीएआई के इसके लिए स्कूलों को अपने परिसर के भीतर ही स्पेशल कैंप लगवाने होंगे। इसके लिए वे नजदीकी बैंक , पोस्ट ऑफिस, राज्य शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की मदद ले सकते हैं।
दो देशों के नागरिक हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी? कोर्ट पहुंचा मामला
कई बच्चों को आधार के अभाव में नहीं मिला एडमिशन
पिछले दिनों ऐसे कई मामले प्रकाश में आए थे, जिसमें स्कूलों ने बच्चों के एडमिशन देने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड या उसका इनरोलमेंट नहीं था। यूआईडीएआई का ये ताजा निर्देश उन अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर है जिन्होंने अबतक किन्ही कारणों से बच्चों का आधार कार्ड नहीं बनवा सके हैं।
आधार डेटा की सुरक्षा पर खड़े होते रहे हैं विवाद
बता दें कि आधार के डेटा सुरक्षा पर अक्सर सवालिया निशान खड़े होते हैं। पिछले दिनों ऐसे ही एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आधार का बायोमेट्रिक डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि इस डेटा को एक अरब बार कोशिश करने पर भी कोई हैक नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि सिस्टम में मेरी अंगुलियों की छाप और आंख की पुतलियों के स्कैन सुरिक्षत हैं और अरब बार प्रयास करने पर भी उसमें सेंधमारी नहीं की जा सकती है। मंत्री ने कहा कि आधार के प्राधिकारी हर सेकंड एक करोड़ जांच करते हैं।
अरबों बार कोशिश से भी नहीं हैक हो सकता आधार: रविशंकर
रविशंकर प्रसाद ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या आपको पता है कि हर तीन सेकंड पर हम कितनी बार सत्यापन करते हैं? तीन करोड़। क्या आपको पता है कि कितने बैंक खाते आधार से जुड़े हैं? 80 करोड़। और आधार आपकी घरेलू प्रौद्योगिकी है और संसद की मंजूरी के साथ पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यह इतना कठिन है कि अगर मैं अंगुलियों की छाप और आंख की पुतलियों के स्कैन की जानकारी का खुलासा राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले के सिवा किसी अन्य परिचित व्यक्ति को करता हूं तो मेरे ऊपर अभियोग चल सकता है। हमने इसमें इस बात को समाविष्ट किया है। उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल प्रोफाइल क्या है? देश की 130 करोड़ की आबादी में 121 करोड़ मोबाइल फोन भारत में हैं। देश में 45 करोड़ स्मार्टफोन और 50 करोड़ से अधिक इंटरनेट कनेक्शन हैं। साथ ही, 122 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड हैं।