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आधार के लिए बदले नियम, 1 जुलाई से चेहरे के जरिए कराएं सत्यापन

locationनई दिल्लीPublished: Mar 25, 2018 09:42:25 pm

Submitted by:

Siddharth chaurasia

सुप्रीम कोर्ट की यह बेंच आधार की संवैधानिक वैधता को लेकर दायर की गई कई याचिकाओं की सुनवाई के लिए गठित की गई है।

Aadhar card

नई दिल्ली। आधार कार्ड होल्डर को केवाईसी कराते वक्त कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। लोगों की शिकायतें आ रही है कि उन्हें केवाईसी कराते वक्त मोबाइल पर समय से ओटीपी नहीं मिलता है। वहीं कई दफा ऐसी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है, जब फिंगरप्रिंट मैच नहीं होता है। ऐसे शिकायतों से निपटने के लिए यूआईडीएआई ने नया तरकीब निकाला है। खबरों की माने तो आधार कार्ड जारी करने वाली एजेंसी यूआईडीएआई उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के अलावा अब ‘चेहरे की पहचान’ को भी मान्यता देने जा रही है। यूआईडीएआई की तरफ से कहा जा रहा है कि इस सुविधा को देशभर में 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा।

1 जुलाई से आधार नियम में शामिल होगा फीचर फिंगरप्रिंट
इससे पहले यूआईडीएआई ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह फेस ऑथेंटिकेशन फीचर को भी शामिल करेगी। इस फीचर से उन लोगों को फायदा होगा जिनके फिंगरप्रिंट या आंख को स्कैन करने में दिक्कतें आ रहीं थीं। यूआईडीएआई के बयान में कहा गया कि चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक के साथ होगा। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के सामने दी गई एक प्रेजेंटेशन में यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा था कि आधार डेटा लीक करने के लिए दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर को भी अनगिनत साल लग जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हुए ही उन्होंने बताया था कि फेस ऑथेंटिकेशन 1 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा। यूआईडीएआई के सीईओ ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी तक 1,696.38 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन और 464.85 करोड़ ई-केवाईसी ट्रांजैक्शंस अभी तक हो चुके हैं।

यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने अपनी प्रेजेंटेशन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच के सामने गुरुवार को शुरू की थी, जिसे 27 मार्च को वह आगे बढ़ाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की यह बेंच आधार की संवैधानिक वैधता को लेकर दायर की गई कई याचिकाओं की सुनवाई के लिए गठित की गई है।

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